चुनाव बाद बनेगी लोकतंत्र की प्रहरी, संविधान रक्षक सरकार: मायावती
मायावती ने कहा कि देश के चुनाव में सर्व समाज के करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों, महिलाओं, युवाओं व मेहनतकश लोगों की जबरदस्त भागीदारी होती है। जिसका पूरा-पूरा सम्मान करके मतदान को पूरी तरह से स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण बनाया जाना बहुत जरूरी है। चुनाव की पूरी प्रक्रिया साफ व विश्वसनीय होनी चाहिए जिससे सत्ताधारी पार्टी, सत्ता का किसी भी प्रकार से दुरुपयोग नहीं कर पाए।
देश को पिछले चुनावों का अनुभव यही रहा है कि बीजेपी नये-नये प्रकार से चुनावी नियम-कानून व आचार संहिता को धता बताती रही है। यह न केवल अनुचित बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है। देश की आम जनता भारत निर्वाचन आयोग से उम्मीद रखती है कि वह संविधान की रक्षा व लोकतंत्र के व्यापक हित में इस बार चुनाव में ऐसी सख्ती जरूर करेगा कि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी अपने चुनावी हथकंडों का पिछले चुनावों की तरह इस बार इस्तेमाल न कर पाए।
मायावती ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी सरकार ने पिछले पांच वर्षो के निरंकुश व अहंकारी शासनकाल के दौरान अब तक जो कुछ भी किया है वह ज़्यादातर मामलों में गरीब, जनविरोधी व धन्नासेठ समर्थक रहा है। साथ ही देश में अशांति, असंतोष व आक्रोश पैदा करने वाला भी रहा है। इसलिये चुनाव के बाद की नई सरकार ऐसी होना चाहिए जो लोकतंत्र की प्रहरी, संविधान की रक्षक व सर्वसमाज के हितों की सोच रखने वाली हो। संकीर्ण व छद्म राष्ट्रवादी सोच वाली कतई न हो, तभी देश का सही भला होगा।