अब नोएडा के 10 बिल्डरों पर गिर सकती है गाज


प्राधिकरण सूत्रों के मुताबिक, सात दिन के भीतर एक्शन प्लान देना है। इसमें 18000 फ्लैट देने के लिए योजना बनानी है। मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुपालन में दिसंबर तक 50 हजार फ्लैट दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। फ्लैट दिलाने के बाद नोएडा के बिल्डरों की खोज खबर ली जाएगी। इनकी एक लिस्ट भी बनाई जा चुकी है।
बस कार्रवाई के लिए उचित समय का इंतजार किया जा रहा है। हाल ही में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने भी कहा था कि हम बिल्डरों को गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजना चाहते, बल्कि उनसे फ्लैट दिलाना चाहते हैं। हालांकि, अगर बिल्डर इसे हमारी कमजोरी समझेंगे तो हमें उन्हें जेल भी भेजना होगा।
जेपी और आम्रपाली समूह का मामला सुप्रीम कोर्ट से लेकर एनसीएलटी तक में हैं। यही नहीं रेरा चेयरमैन के आदेश पर आम्रपाली के प्रोजेक्ट की जांच ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कर रहा है। लिहाजा, प्राधिकरण और पुलिस के अधिकारी भी इनके मामलों में कार्रवाई से पहले विधिक राय ले रहे हैं, लेकिन जिनके मामले कोर्ट में नहीं हैं और जिनके खिलाफ थानों में एफआईआर और शिकायतें हैं। उन पर कार्रवाई निश्चित है।
बीते दिनों नोएडा प्राधिकरण ने एक कार्रवाई में एक बिल्डर के दर्जनों फ्लैट और कार्यालय को सील कर दिया था। अधिकारियों का कहना था कि यह बिल्डर न तो कंप्लीशन के लिए आवेदन कर रहा था और न ही बकाया चुका रहा था।
यही नहीं बिल्डर की ओर से प्राधिकरण से बातचीत का कोई प्रयास भी नहीं किया जा रहा था इसलिए प्राधिकरण ने कार्रवाई की। इसी श्रेणी में कुछ अन्य बिल्डरों के फ्लैट और दफ्तर भी सील हो सकते हैं।