गूगल, फेसबुक और ट्विटर ने भारत में चुनाव देखते हुए उठाया सख्त कदम

नई दिल्ली। गूगल, फेसबुक और ट्विटर ने भारत में चुनावों को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है। भारतीय चुनाव आयोग को गूगल, फेसबुक और ट्विटर ने भरोसा दिलाया है कि उनका प्लेटफॉर्म ऐसी किसी खबर को प्रसारित नहीं करेगा। जिससे प्रचार अभियान के दौरान चुनाव की विश्वसनीयता पर असर पड़े। ये जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत की तरफ से दी गयी है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव के दौरान इस बात को परखा जा चुका है।
चुनाव आयोग ने की थी गूगल, फेसबुक और ट्विटर के क्षेत्रीय प्रमुखों से चर्चा
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बताया कि वरिष्ठ उपचुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने गूगल, फेसबुक और ट्विटर के क्षेत्रीय प्रमुखों के साथ बातचीत की थी। सिन्हा ने अपील की है कि क्या वे चुनावों की विश्वसनीयता बनाए रखने को आश्वस्त कर सकते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि गूगल समेत सोशल मीडिया कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल फेक न्यूज के लिए नहीं होने देना चाहिए जिससे जनता पर इसका गलत असर न पड़े।
रावत ने बताया कि चुनाव प्रचार के समय फेसबुक, ट्विटर समेत अन्य सोशल साइट्स का जमकर इस्तेमालकिया जाएगा। वहीं प्रचार के दौरान इन सभी को गलत खबरों को प्रसारित होने से रोकना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद हो जाता है। इस वक्त को साइलेंस पीरियड कहा जाता है। इसी दौरान मतदाता यह फैसला लेता है कि उसे किसे वोट करना है।
साथ ही रावत ने ये भी बताया कि सोशल मीडिया कंपनियों ने ये आश्वासन भी दिया कि वे राजनीतिक विज्ञापन भी दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि उसमें पार्टियों का खर्च भी शामिल रहेगा। इससे राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार में किए गए खर्च के बारे में पता चल सकेगा।
गूगल एक ऐसी प्रणाली स्थापित करेगा जिससे उसे अपने प्लेटफॉर्म पर दिए गए खर्च के बारे में चुनाव आयोग के साथ विवरण साझा करने की अनुमति मिलेगी।
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