गुस्सा छूमंतर करने का यह है नया फॉर्मूला, आप भी जान लें, रहेंगे फायदे में

गरिमा को गुस्सा आता है, तो वह मन-ही-मन पसंदीदा गाना गुनगुनाने लगती हैं। पायल अपना गुस्सा शांत करने के लिए किचन में काम करती हैं आैर नई-नई डिशेज बनाती हैं आैर जैसे ही कोई उनके खाने की तारीफ करता है, तो उनका गुस्सा छूमंतर हो जाता है। अपने गुस्से को कंट्रोल करने का हर किसी का अपना-अपना तरीका होता है।गुस्सा छूमंतर करने का यह है नया फॉर्मूला, आप भी जान लें, रहेंगे फायदे में

वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें गुस्सा तो बहुत आता है, मगर उसे वे कंट्रोल करना नहीं जानते हैं। कई बार गुस्से की वजह से वे अपना ही नुकसान कर बैठते हैं। मनाेवैज्ञानिक डॉ. राजेश सागर कहते हैं, ‘गुस्सा, किसी भी व्यक्ति में कम धैर्य, चिड़चिड़ापन, बर्दाश्त न कर पाने के कारण पैदा होता है। इसकी वजह से व्यक्ति को नींद भी कम आती है और उसका खानपान भी प्रभावित होता है।

हालांकि, यह कोई बड़ी बीमारी नहीं है। इस पर काबू पाया जा सकता है, बस जरूरत है आत्म-संयम की। चिड़चिड़ापन और गुस्से वाले भाव एक हद तक तो नॉर्मल होते हैं, लेकिन यदि किसी को बात-बात पर गुस्सा आता है और इससे किसी दूसरे को या अपने को वह नुकसान पहुंचाता है, तो एक समस्या है। इसके लिए काउंसलिंग जरूरी है। ’

गुस्सा क्यों, कारण जानें
हर गुस्से के पीछे कोई-न-कोई वजह होती है। जैसे काम का दबाव या अन्य कोई घरेलू समस्या। इस वजह से भी व्यक्ति चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो जाता है। अगर यह समस्या आपके साथ भी है, तो अपने काम करने की एक योजना बनाएं, फिर प्राथमिकता के हिसाब से काम को करती जाएं। घर के काम को भी खुद पर ओढ़ने की बजाय उसे प्रत्येक सदस्यों में बांटने की कोशिश करें। जरूरत से ज्यादा काम का बोझ खुद पर न डालें।

रिलैक्सेशन थेरेपी अपनाएं
गुस्सा शांत करने का सबसे कारगर उपाय है डीप ब्रीदिंग यानी लंबी गहरी सांस। जब भी गुस्सा आए, तो अपनी आंखों को बंद करें और गहरी सांस लें। फिर पूरी सांस आराम से बाहर छोडे़ं। इस प्रक्रिया को 9 से 10 बार दोहराएं। इससे आपका मन शांत होता है, जो कि गुस्से को शांत करने में मदद करता है। इस प्रक्रिया को कभी भी और कहीं भी किया जा सकता है।

आप इस तकनीक को भी अपना सकती हैं
कुर्सी पर बैठें या जमीन पर लेट जाएं। अपने पेट की गतिविधि पर 3-5 मिनट तक ध्यान दें। इस दौरान जब आप गहरी सांस लेंगी, तब आपके पेट में उभार आएगा और जब सांस छोडे़गी, तो पेट अंदर जाएगा। इस प्रक्रिया को 3 से 5 बार दोहराएं।

ऐसा कभी न करें
कभी-कभी कुछ लोग गुस्से में हिंसक हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में अक्सर लोग यह कहते हैं कि व्यक्ति जो कर रहा है, उसे वह करने दिया जाए। यानी उसे उसके हाल पर ही छोड़ दिया जाए। जबकि रिसर्च बताती हैं कि गुस्से में आए व्यक्ति को उसके हाल में छोड़ देने से व्यक्ति का गुस्सा और बढ़ता है। ऐसे में गुस्से पर काबू पाने के लिए सबसे बेहतर यह है कि आप इस बात को पहचानें कि आपको गुस्सा किस वजह से आ रहा है और फिर इसे नियंत्रित करने की एक रणनीति बनाएं।

कई बार हम आस-पास की चीजों से ही चिड़चिड़े और गुस्से में आ जाते हैं। काम और जिम्मेदारियों का भार इसे और अधिक बढ़ा देता है। ऐसे में अपने आपको एक ब्रेक दें और फिर कोई काम हाथ में लें। इन सभी उपायों को अपनाने के बावजूद आपको ऐसा लगता है कि आपका गुस्सा नियंत्रण से बाहर है और इसका असर आपके संबंधों और महत्वपूर्ण मामलों में भी पड़ रहा है, तो आपको किसी मनोवैज्ञानिक से सलाह लेने जरूरत है।

एम्स के मनोवैज्ञानिक डॉ. राजेश सागर कहते हैं, ‘गुस्सा, किसी भी व्यक्ति में कम धैर्य, चिड़चिड़ापन, बर्दाश्त न कर पाने के कारण पैदा होता है। इसकी वजह से व्यक्ति को नींद भी कम आती है और उसका खानपान भी प्रभावित होता है। हालांकि, गुस्सा लाइलाज बीमारी नहीं है।

साइकोथेरेपी से इसका उपचार संभव है, जिसमें व्यक्ति को गुस्सा आने वाले कारणों की पहचान कर, उसे एंगर मैनेजमेंट सिखाया जाता है। इस थेरेपी में कुछ रिलैक्सेशन एक्सरसाइज भी बताई जाती है।’

यूरोपियन हार्ट जर्नल में छपे एक रिसर्च के मुताबिक, यदि गुस्सा दो घंटे से अधिक समय तक कायम रहता है, तो इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य हृदय रोगों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।

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