खशोगी की हत्या के अमेरिका ने लिया बड़ा फैसला, 16 सऊदी नागरिकों प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध
अमेरिकी अखबार के लिए लिखने वाले पत्रकार खशोगी की दो अक्टूबर, 2018 को इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी। खशोगी की हत्या सऊदी अरब के खुफिया विभाग के 15 अधिकारियों की एक टीम ने की थी जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी बहुत आलोचना हुई।
सच्चाई यह है कि सीआईए से मिली जानकारी के आधार पर अमेरिकी सीनेट द्वारा सऊदी अरब के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान को हत्या के लिए ‘‘जिम्मेदार’’ ठहराए जाने के बाद भी राष्ट्रपति ट्रंप ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने से सार्वजनिक रूप से इंकार कर दिया।
कार्रवाई करने के बजाए ट्रंप ने जोर दिया कि सऊदी अरब हथियारों का बड़ा खरीददार है और क्षेत्र में ईरान के खिलाफ अमेरिका का महत्वपूर्ण सहयोगी भी। विदेश विभाग ने 16 लोगों की सूची जारी कर उनपर लगे प्रतिबंध की घोषणा की है।
विदेश विभाग ने अपने बयान में उन व्यक्तियों के नाम बताए हैं जिन्हें प्रतिबंधित किया गया है और कहा कि उन्हें विदेश विभाग, विदेशी संचालन और संबंधित कार्यक्रम विनियोग अधिनियम 2019 की धारा 7031 (सी) के तहत नामित किया गया है।
इस धारा के अंतर्गत उन लोगों को अमेरिका में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होती जिनके बारे में विदेश विभाग के पास विश्वसनीय जानकारी हो कि विदेशी सरकार के वह अधिकारी भ्रष्टाचार या मानवाधिकार उल्लंघन में संलिप्त हैं। इस तरह के व्यक्तियों और उनके परिवार को अमेरिका में प्रवेश के अयोग्य माना जाता है।
कानून के अतंर्गत विदेश विभाग को सार्वजनिक तौर पर या निजी तौर पर इस तरह के अधिकारियों और उनके तत्कालीन परिवार के सदस्यों को नामित करना पड़ता है। इससे पहले विदेश विभाग ने लगभग दो दर्जन सऊदी अधिकारियों का वीजा रद्द कर दिया था और 17 अन्य लोगों की संपत्ति को जब्त कर लिया था।
कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सऊदी के जिस दल ने खशोगी की हत्या की थी, उसे अमेरिका में प्रशिक्षण दिया गया था। वाशिंगटन पोस्ट की इस रिपोर्ट में मौत से जुड़े और भी कई तथ्यों की जानकारी दी गई थी। खशोगी वाशिंगटन पोस्ट के लिए लेख लिखा करते थे।