खत्म हो सकता है मोबाइल, TV, लैपटॉप का दौर

इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में कई क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी पेश की गईं, जिनमें स्मार्ट चश्मा प्रमुख है। यह चश्मा 65 इंच तक की वर्चुअल स्क्रीन का अनुभव देता है, जिससे मूवी देखने, गेमिंग और मल्टी-टास्किंग आसान हो जाती है। इसमें AI असिस्टेंट और जेस्चर कंट्रोल भी हैं। रेलवे के लिए रियल-टाइम खराबी का पता लगाने वाले सेंसर और AI मॉनिटरिंग सिस्टम दिखाए गए। इसके अलावा, हाई-स्पीड ट्रेनों में कैमरा विजन और सुरक्षा एजेंसियों के लिए मॉनिटरिंग डिवाइस भी प्रदर्शित किए गए, जो सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाएंगे।

इन दिनों एशिया का सबसे बड़ा टेक इवेंट ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025’ चल रहा है जिसमें इस बार ऐसी इनोवेशन की झलक देखने को मिली हैं जो आने वाले समय में मोबाइल, लैपटॉप और टीवी के दौर को पूरी तरह से बदल सकती हैं। जी हां, इस बार का आकर्षण रहा स्मार्ट चश्मा, जो पहनते ही यूजर्स को 65 इंच तक की वर्चुअल स्क्रीन का एक्सपीरियंस दे सकता है।

यानी इसमें मूवी देखने से लेकर वीडियो कॉल, गेमिंग और मल्टी-टास्किंग तक सब कुछ आसानी से किया जा सकेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस चश्मे में दिए गए बेहतरीन प्रोजेक्शन लेंस और 3D विजुअल सिस्टम की मदद से यूजर्स को ऐसा एक्सपीरियंस होगा जैसे वो किसी बड़ी स्क्रीन को देख रहे हैं। इसके साथ ही, इसमें AI असिस्टेंट और जेस्चर कंट्रोल जैसे फीचर्स भी मिलते हैं।

रियल टाइम में ट्रेन की खराबी का पता
टेक इवेंट में इस बार रेलवे सेक्टर के लिए भी कई क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी दिखाई गईं हैं। अब ट्रैन की टेक्निकल गलीच का पता रियल टाइम में लगाया जा सकेगा। ट्रेन के हर हिस्से पर स्मार्ट सेंसर और AI मॉनिटरिंग सिस्टम नजर रखेंगे। किसी भी तरह की मशीनरी में गड़बड़ी आने पर सिस्टम तुरंत अलर्ट सेंड करेगा और रोबोट की मदद से इसे मौके पर ही सुधार भी किया जा सकेगा।

कैमरा विजन और सिक्योरिटी सिस्टम
ट्रैक पर दौड़ रही हुई हाई-स्पीड ट्रेनों में अब कैमरा विजन टेक्नोलॉजी यूज की जाएगी, जो यात्रियों की एक्टिविटीज की निगरानी करेगा। इससे ट्रेन सिक्योरिटी और भी बेहतर होगी और किसी भी इमरजेंसी में तुरंत एक्शन लिया जा सकेगा।

मॉनिटरिंग डिवाइस और सिविल सिक्योरिटी
इस सबसे बड़े इवेंट में ऐसे मॉनिटरिंग डिवाइस भी देखने को मिले हैं जो पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के काम को आसान बना देंगे। ये डिवाइस लगातार लोकेशन, मूवमेंट और एक्टिविटी का रियल टाइम डेटा शेयर करेंगे। इससे न सिर्फ सर्विलांस बल्कि ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी काफी मदद मिलेगी।

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