क्या सच में नागमणि होती है? अगर है शक तो अभी ये पढ़कर कर लें दूर
आपने भी कई बार किसी कहानी या फिल्मों में नागमणि के बारे में जरूर सुना होगा। यहां तक की अभी हाल ही में कर्नाटक के एक गांव में नागमणि को देखने का दावा भी किया गया। खबरों के मुताबिक, कोबरा सांप के फन पर लाल रोशनी दिखी, जिसे नागमणि बताया गया।
प्राचीन कथाओं के मुताबिक, नागमणि बहुत शक्तिशाली होती है, लेकिन आमतौर पर एक बात लोगों के मन में चलती रहती है कि क्या नागमणि हकीकत में होती है। अगर आपके मन में भी ये सवाल है तो इसका जवाब आपको वृहत्ससंहिता में बताई इन बातों से मिलेगा।
Also Read : इस गांव में मिली नागमणि, अब तक केवल फिल्मों और पुराणों में ही है दिखी
प्रमुख ग्रंथ वृहत्ससंहिता में जो उल्लेख मिलता है उसके अनुसार संसार में मणिधारी नाग मौजूद हैं। चूंकि ऐसे नागों का मिलना दुर्लभ होता है, इसलिए कहा जाता है मणिधारी नाग नहीं होते हैं। अब सच जो भी है, लेकिन वृहत्ससंहिता में नागमणि के बारे में कई रोचक बातें बताई गई हैं। जो इस बात को सोचने पर विवश करता है कि क्या वास्तव में नागमणि होता है।
सर्पमणि जिसे नागमणि भी कहते हैं यह विशेष नाग के सिर पर स्थित होती है। नागमणि में इतनी चमक होती है कि जहां यह होती है वहां आस-पास तेज रोशनी फैल जाती है। नागमणि मोर के कंठ के समान और अग्नि के समान चमकीली दिखती है। नागमणि अन्य मणियों से अधिक प्रभावशाली और अलौकिक होती है। यह मणि जिसके पास होती है उस पर विष का प्रभाव नहीं होता है। यह रोग से मुक्त होते हैं।
वराहमिहिर बताते हैं कि जिस राजा के पास यह मणि होती है वह शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाले होते हैं। इनके राज्य में समय से वर्षा होती और प्रजा खुशहाल रहती है। वराहमिहिर इस तरह की बात इसलिए लिखते हैं कि उन दिनों राजा महाराजा हुआ करते थे।