क्रिकेट मैदानों पर हरियाली का संकट: 18 स्टेडियमों ने नहीं दी जल खपत की जानकारी

दिल्ली: देशभर के सभी क्रिकेट मैदानों में पानी की मासिक और वार्षिक खपत की जानकारी केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) को उपलब्ध करानी होती है जो 18 स्टेडियमों ने नहीं कराई है। सीजीडब्ल्यूए की इस रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम, कानपुर के ग्रीनपार्क समेत 18 मैदानों की रिपोर्ट तलब की है। इसके लिए संबंधित प्रबंधकों को 4 हफ्ते का वक्त दिया गया है। अगली सुनवाई 16 जनवरी 2026 को होगी। तय समय में जवाब उपलब्ध नहीं कराने पर एनजीटी कड़ी कार्रवाई कर सकता है। ऐसे में मैदानों की हरियाली भी प्रभावित होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

सीजीडब्ल्यूए ने एनजीटी को जो रिपोर्ट सौंपी है उसके तहत तमिलनाडु, पंजाब, विदर्भ, बंगाल और मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से संचालित क्रिकेट मैदानों की रिपोर्ट मिल गई है। सीजीडब्ल्यूए ने एनजीटी से अनुरोध किया है कि जो क्रिकेट संघ अब तक जवाब नहीं दे सके हैं या जिन्होंने उत्तर नहीं भेजे हैं, उनके खिलाफ उचित निर्देश जारी किए जाएं।

हरियाणा राज्य क्रिकेट एसोसिएशन के वकील ने बताया कि उन्होंने अपना जवाब सीजीडब्ल्यूए के वकील को ईमेल के जरिये भेज दिया है। हालांकि, बाकी क्रिकेट मैदानों का प्रबंधन संभालने वाली संस्था की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। यह मामला 15 अप्रैल 2021 को दिए एनजीटी के आदेश के पालन से जुड़ा है, जिसमें मैदानों के रखरखाव के लिए भूजल के उपयोग पर रोक लगाई गई थी। एसटीपी से उपचारित जल के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए यह बात कही गई थी।

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