क्या IAEA लगाएगा पाकिस्तान की परमाणु शक्ति पर ‘पावर ब्रेक’? श्रीनगर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की बड़ी मांग

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर का दौरा किया। पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन्होंने घाटी पहुंचकर सेना के जवानों का हौसला बढ़ाया। इस दौरान पड़ोसी देश पाकिस्तान को कड़े लहजे में चेतावनी भी दे डाली।
राजनाथ ने कहा, ’35-40 सालों से भारत सरहद पार से चलाए जा रहे आतंकवाद का सामना कर रहा है। आज भारत ने पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ हम किसी भी हद तक जा सकते हैं।’
पहलगाम में आतंकवादी घटना को अंजाम देकर भारत के माथे पर चोट पहुंचाने का काम किया। उन्होंने भारत के माथे पर वार किया, हमने उनकी छाती पर घाव दिए हैं। पाकिस्तान के जख्मों का इलाज इसी बात में है कि वह भारत विरोधी और आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करे, अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ न होने दे।
आतंकी खुद को सुरक्षित ना समझे
ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी ने पाकिस्तान में छिपे आतंकी संगठनों और उनके आकाओं को भी यह साफ-साफ बता दिया है कि वो कहीं भी अपने आप को महफूज और सुरक्षित न समझें। अब वे भारतीय सेनाओं के निशाने पर हैं। दुनिया जानती है, हमारी सेनाओं का निशाना अचूक है और वो जब वो निशाना लगाते हैं तो गिनती करने का काम दुश्मनों पर छोड़ देते हैं।
परमाणु धमकियों से डरते नहीं
रक्षा मंत्री ने आगे कहा, ‘हमने उनके न्यूक्लियर ब्लैकमेल की भी परवाह नहीं की है। पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे गैर जिम्मेदाराना तरीके से पाकिस्तान द्वारा भारत को अनेक बार एटमी धमकियां दी गई हैं। आज श्रीनगर की धरती से मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे गैर जिम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मैं मानता हूं कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को IAEA यानी की निगरानी में लिया जाना चाहिए।’
क्या है IAEA?
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी यानी IAEA एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने और परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए काम करता है। इस संस्था का गठन 29 जुलाई 1957 को हुआ था। इसका मुख्यालय विएना ऑस्ट्रिया में है।