क्या है मेट्रोनोम गेंदबाजी तकनीक? जिसे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज ने बनाया अपना घातक हथियार

ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने IPL 2025 में अपनी गेंदबाजी से तहलका मचा रखा है। अपनी सटीकता लाइन लेंथ और चतुराई, नई तरह की गेंदबाजी स्टाइल से T20 क्रिकेट में एक खतरनाक गेंदबाज बन गए हैं। उनकी इस नई तकनीक को ‘मेट्रोनोम गेंदबाजी’ नाम दिया गया है। इसके जरिए वह बैटर को धोखा देते हैं।
हाल ही में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के लिए हेजलवुड ने 17वें और 19वें ओवर में सिर्फ 7 रन देकर तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए। इसके बाद वह चर्चा में आ गए। उनके इस प्रदर्शन ने पूर्व भारतीय खिलाड़ी अंबाती रायडू और ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज आरोन फिंच को भी उनकी नई तकनीक की तारीफ करने पर मजबूर कर दिया।
नई तकनीक से धोखा देते हैं हेजलवुड
आइए, जानते हैं कि हेजलवुड की मेट्रोनोम गेंदबाजी और उनकी नई तकनीक क्या हैं, जिसके प्रयोग ने उन्हें T20 में इतना खतरनाक गेंदबाज बना दिया है। उससे पहले यह जानिए कि जोश हेजलवुड ने 10 मैच में 8.44 की इकोनॉमी से अब तक 18 विकेट लिए हैं और पर्पल कैप लीडर बोर्ड में दूसरे स्थान पर हैं। अब जानते हैं मेट्रोनोम गेंदबाजी के बारे में।
रायडू कर चुके हैं तारीफ
अंबाती रायडू ने हाल ही में एक मैच के बाद हेजलवुड की गेंदबाजी की तारीफ करते हुए कहा, हेजलवुड ऑफ-कटर की तरह गेंद को पकड़ते हैं, लेकिन असल में तेज और छोटी लेंथ की गेंद फेंकते हैं। बल्लेबाज धीमी गेंद की उम्मीद में देर से बल्ला चलाता है और स्पीड से धोखा खाकर गलती कर बैठते हैं।
ऐसी है नई तकनीक
दरअसल, जोश हेजलवुड ने बदलते क्रिकेट के अनुसार अपनी गेंदबाजी तकनीक में परिवर्तन किया और मेट्रोनोम गेंदबाजी टेक्नीक सीखी। इसके तहत हेजलवुड गेंद को अंगुलियों के बीच ऐसे पकड़ते हैं जैसे वह छोटी और लेंथ गेंद फेकेंगे, लेकिन ऐसा नहीं होता। वह बल्लेबाज को धोखा देते हैं और लेंथ और स्पीड से बल्लेबाज को धोखा देते हैं और गलती करने के लिए मजबूर कर देते हैं।
लिविंगस्टन को बनाया था पहला शिकार
बता दें कि जोश हेजलवुड की यह तकनीक कोई नई नहीं है। पिछले साल साउथम्पटन में इंग्लैंड के लियाम लिविंगस्टन के खिलाफ भी उन्होंने ऐसा ही किया था, जब धीमी गेंद की तरह गेंद पकड़कर तेज गेंद फेंकी और लिविंगस्टन का स्टंप्स उड़ा दिए। हेजलवुड आईपीएल 2025 में इस तकनीक का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं और डेथ ओवर में बल्लेबाजों के लिए काल बन गए हैं।
वॉबल-बॉल का खूब इस्तेमाल
इतना ही नहीं जोश हेजलवुड की गेंदबाजी का एक और बड़ा हथियार है वॉबल-बॉल। यह गेंद टेस्ट क्रिकेट में हेजलवुड खूब उपयोग करते हैं लेकिन, इस तकनीक को टी20 क्रिकेट में भी इस्तेमाल किया है। इसके तहत जोश इंडेक्स फिंगर सीम के बाहर, मिडिल फिंगर सीम पर और आखिरी पल में मिडिल फिंगर गेंद को वॉबल देती है। इसका परिणाम यह होता है कि गेंद हवा में लहराती है और बल्लेबाज को चकमा दे देती है।
कोच से सीखी तकनीक
यह तकनीक हेजलवुड ने अपने कोच डेविड सेकर से सीखी और इसे T20 में लागू किया। इतना ही नहीं उन्होंने मिशेल स्टार्क को भी इस गेंद का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया। अब दोनों ही ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा टी20 क्रिकेट में भी बवाल मचा रहे हैं।