क्या आप जानते है, आत्महत्या के लिए कौन से धार्मिक कारण हैं जिम्मेदार?

व्यक्ति जब किसी समस्या का ज्ञात या अज्ञात समाधान नहीं पाता तो अपने जीवन को समाप्त कर देता है. इस स्थिति को आत्महत्या कहते हैं. आत्महत्या के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदारी चन्द्रमा की होती है. इसके बाद बुध और राहु इसमें भूमिका निभाते हैं.कभी कभी मारक दशा आने पर भी आत्महत्या के योग बन जाते हैं. मूलांक 02, 04, 07 और 08 वालों के अंदर आमतौर पर यह प्रवृत्ति पाई जाती है. कब व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है?

चन्द्रमा राहु का संयोग आत्महत्या करवाता है 
– केंद्र में कोई ग्रह न हो तो भी व्यक्ति आत्महत्या की तरफ जाता है
– राहु का प्रभाव हो तो भ्रम में आकर आत्महत्या कर लेता है
– ख़राब दशाओं में उन्माद में आकर आत्महत्या कर लेता है

किस स्थिति में बचता है इंसान
– केंद्र में केवल शुभ ग्रह हों तो व्यक्ति की रक्षा होती है
– बृहस्पति के मजबूत होने से व्यक्ति समस्याओं के बावजूद गलत कदम नहीं उठाता
– दशाओं के बदलने पर भी व्यक्ति आत्महत्या से बच जाता है

कुंडली में आत्महत्या कारक योग हों तो क्या करें
– भगवान शिव या श्रीकृष्ण की पूजा करें
– पूर्णिमा का उपवास जरूर रक्खें
– मांस और मदिरा से परहेज करें
– भूलकर भी मोती या हीरा धारण न करें
– खूब शारीरिक परिश्रम करें

Back to top button