कौन थीं आगरा की वो दबंग वकील ,जिन्हें उनके ही साथी वकील ने मारी गोली, यहां जानें पूरी घटना

दरवेश सिंह यादव का फाइल फोटो
आगरा में बार काउंसिल ऑफ यूपी की प्रथम महिला चेयरमैन दरवेश सिंह यादव की बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना पर वकीलों ने तीखा आक्रोश जताया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन/मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मांगेराम ने समिति से जुड़े मेरठ सहित 22 जिलों के वकीलों से गुरुवार को न्यायिक कार्य न करने की अपील की है।
केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन मांगेराम ने बताया कि यह एक दु:खद और गंभीर घटना है। जिसको लेकर मेरठ बार एसोसिएशन रोष व्यक्त करती है। उधर, बार काउंसिल ऑफ यूपी के चेयरमैन हरिशंकर सिंह ने फोन पर बताया कि उनके साथ चुनी गईं चेयरमैन दरवेश सिंह की हत्या बहुत गंभीर अपराध है। प्रदेश में वकील सुरक्षित नहीं हैं जहां पर उनके चेयरमैन की हत्या कचहरी परिसर में ही कर दी गई। इसके लिए वह मांग करते हैं कि वकीलों की सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार सख्त कदम उठाए।
उन्होंने बताया कि गुरुवार को दरवेश सिंह की अंत्येष्टि होने की सूचना है, जिसको लेकर प्रदेश के वकील विरोध स्वरूप न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।
वहीं, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र सिंह व महामंत्री आनंद कश्यप ने भी इस घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए गुरुवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में अधिवक्ता परिषद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं अतिरिक्त एडवोकेट जनरल कृष्ण पहल, यूपी बार काउंसिल के सदस्य बलवंत सिंह, रोहिताश्व कुमार अग्रवाल, पूर्व सदस्य अनिल कुमार बख्शी, चौ. जगदीश सिंह सिरोही, चौ. नरेंद्र पाल सिंह, सुमन गुप्ता, डॉ. ओपी शर्मा, एमपी शर्मा, केके पाहवा, पंकज शर्मा, डीजीसी अनिल तोमर, राजकुमार गुर्जर, प्रभात मलिक, मुनीष त्यागी, अब्दुल जब्बार खान, अमरपाल राणा, विरेंद्र कुमार, पीके तोमर, परवेज आलम, संदीप कुमार बंसल ने इस घटना की निंदा की। 
वहीं, समाजवादी अधिवक्ता सभा के अध्यक्ष गगन राणा ने भी घटना पर रोष व्यक्त करते हुए निंदा की। अधिवक्ता परिषद की मेरठ इकाई द्वारा भी निंदा की गई। ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन उप्र की मेरठ इकाई द्वारा बैठक कर महिला चेयरमैन की हत्या की कठोर शब्दों में निंदा कर प्रदेश में कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने की मांग की गई। यूनियन के राज्य सचिव ब्रजवीर सिंह ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश में हत्या, दुष्कर्म, पुलिस जुर्म की घटनाएं कुछ दिनों से चरम सीमा पर हैं, इन्हें रोका जाए।
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