कोविड के बाद हरियाणा में हृदय रोगों से होने वाली मौतें घटी…

कोविड से पहले यानी 2018 व 2019 में चिकित्सा प्रमाणित कुल मौतों में हृदय रोग से होने वाली मृत्यु का आंकड़ा क्रमश: 33.9 व 41.1 फीसदी था। वहीं, कोविड के बाद यानी 2022 में मौत का आंकड़ा घटकर 26.3 फीसदी पहुंच गया है।

खेल व खेती बाड़ी वाले हरियाणा में दिल की बीमारियों के प्रति लोग संजीदा हो गए हैं। भारत सरकार के महापंजीयक कार्यालय की ओर से जून 2025 में जारी चिकित्सा प्रमाणीकरण की रिपोर्ट के मुताबिक कोविड के बाद हृदय रोग से होने वाली मौतों में कमी आई है।

इसके उलट पड़ोसी राज्यों में मौत का आंकड़ा बढ़ गया है। जानकार बताते हैं कि कोविड के बाद स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता आई है। लोग अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने लगे हैं। अब बीमारी पर लोग समय पर अस्पताल पहुंचने लगे हैं। हालांकि इसके उलट एक चिंताजनक बात यह है कि हरियाणा में बीमारियों से होने वाली कुल मौतों में हृदय रोग से होने वाली मौतों का ग्राफ सबसे ज्यादा है। 2022 में 26.3 फीसदी मौतें हृदय रोग से, 6.8 फीसदी मौतें सांस की बीमारी, संक्रमण रोगों से 10.3 और 41.6 फीसदी मौतें ऐसी थी, जो किसी सीधे रोग से जुड़ी नहीं थी। वहीं, 2021 में हृदय रोग से 28.1 फीसदी, कोविड से 18.2 फीसदी, सांस की बीमारी से 9.3, संक्रमण रोगों से 10.2 फीसदी मौते हुई हैं। बाकी साल में भी इसी तरह का ट्रेंड देखने को मिलता है।

हार्ट अटैक का सबसे बड़ा लक्षण क्या है
पंचकूला हार्ट सेंटर के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डा़ अनिल सूद बताते हैं कि जब हार्ट तक ऑक्सीजन लेकर जाने वाली खून की आपूर्ति रुक जाती है तो दिल का दौरा पड़ता है। दिल के दौरे की सबसे बड़ी वजह हृदय तक पहुंचने वाली धमनियां का सिकुड़ जाना होता है। इससे खून की आपूर्ति बाधित होती है। धमनियों के सिकुड़ने का बड़ा कारण तरल वसा पदार्थ का धमनियों में जमा होना होता है। हालांकि अधिकतर ऐसी घटनाओं में लक्षण पहले दिख जाते हैं।

कौन से लक्षण होते हैं, जिससे पहचाना जाए दिल की बीमारी है
जब भी सीने या बाजू तक दर्द हो तो यह दिल की बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण होता है। अचानक से पसीना आने लगे या फिर कुछ दिनों से ज्यादा गैस बनना भी हृदय रोग का ही लक्षण होता है। डा़ सूद कहते हैं कि पीठ और जबड़े में अचानक दर्द भी हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा व्यक्ति को चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ और ज्यादा पसीना आना भी हार्ट अटैक होने से पहले का मुख्य लक्षण माना जाता है। अक्सर लोग सीने में दर्द को गैस का दर्द मानने लगते हैं। दोनों में सबसे बड़ा अंतर यही है कि जब आराम करने के बाद भी सीने के दर्द में आराम न मिले तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

दिल के मरीज हैं तो ये दो दवाएं जरूर रखें
डा़ सूद बताते हैं कि अव्वल तो यही है कि ऊपर बताए गए कोई लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसमें कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। दिल के मरीज हैं तो दो दवाएं अपने पास जरूर रखें। पहली दवा एस्पिरिन और दूसरी सोर्बिट्रेट। हार्ट अटैक का लक्षण आने पर एस्पिरिन की गोली पानी में घोलकर पीएं और सोर्बिट्रेट की गोली जीभ के नीचे रख दें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ये दवाइयां सिर्फ कुछ समय के लिए जोखिम कम करती हैं। आपको डॉक्टर के पास जाना ही होगा।

हार्ट अटैक को कैसे रोकें
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्राल को नियंत्रित रखें। 35 साल बाद दोनों का रूटीन चेकअप कराते रहें।

सेचुरेटड फैट कम लेना चाहिए, खाने में फाइबर की मात्रा बढ़ानी चाहिए।

रोजाना 20 से 25 मिनट तेज चलें। गति इतनी होनी चाहिए कि इस समयावधि में पसीने से तरबतर हो जाएं।

खास युवा, जिम जाने से पहले कार्डियोलॉजिस्ट से पहले अपने हृदय की क्षमता की जांच अवश्य करवाएं।

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