केजरीवाल से बुश तक कई नेताओं के साथ हुआ है ‘जूताकांड’, जानिए कौन कब रहा निशाने पर

पिछले कुछ सालों से राजनेताओं पर जूता फेंकने की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है. राजनेताओं पर जूता फेंकना मी़डिया का ध्यान खींचने का जरिए के तौर पर भी लिया जाने लगा.  बहुत समय बाद एक बार फिर भारत में जूते की चर्चा है. भारत के अरविंद केजरीवाल से लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जार्ज बुश तक पर जूता फेंका जा चुका है. इस बार किसी पर जूता फेंका नहीं गया है बल्कि इस बार जूता बाकायदा चला है.केजरीवाल से बुश तक कई नेताओं के साथ हुआ है ‘जूताकांड’, जानिए कौन कब रहा निशाने पर

जूता चलने की घटना इस बार वाकई खास है. इस बार एक राजनेता ने दूसरे राजनेता पर जूता चलाया है, लेकिन अनोखी बात यही है कि एक सांसद ने विधायक पर जूता चला दिया. हैरानी की बात यह रही के दोनों एक ही पार्टी के सदस्य हैं. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो खूब चला किसी ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई कि घटना के पीछे की वजहें कौन सी हैं. लेकिन इस घटना ने उन सभी घटनाओं को याद करने पर मजबूर कर दिया जब कभी जूता चला या फेंका गया था.

जार्ज बुश पर जूता फेंकने से शुरू हुआ सिलसिला
जूता फेंकने की सबसे चर्चित घटना  2008 में हुई थी. इराक दौरे पर गए अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश पर वहां के एक स्थानीय पत्रकार ने जूता फेंक दिया था. बुश पर दो जूते फेंक कर मारने वाले पत्रकार को सुरक्षा गार्डों ने गिरफ्तार कर लिया था.

भारत में अडवाणी से लेकर उमर अब्दुल्ला तक हुए शिकार
भारत में भी जूता फेंकने की घटनाएं होती रही हैं. भारत में अप्रैल 2009 में पत्रकार जरनैल सिंह ने यूपीए की सरकार के तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम पर जूता फेंका था. चिदंबरम पर जरनैल सिंह 1984 के सिख दंगों को लेकर सवाल पूछ रहे थे. इसी महीने मध्य प्रदेश के कटनी जिले में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण अडवाणी पर उनकी ही पार्टी के कार्यकर्ता पावस अग्रवाल ने उन पर चप्पल फेंकी थी. इसके बाद इस महीने के अंत में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर अहमदाबाद की एक चुनावी रैली में जूता फेंका गया. इसके बाद सिंह ने पुलिस से जूता फेंकने वाले पर कार्रवाई न करने को कहा था.  15 अगस्त 2009 को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जम्मू कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर जूता फेंकने की घटना हुई.

कलमाड़ी, केजरीवाल और राहुल पर भी फेंका गया जूता
26 अप्रैल 2011 को 2010 के कॉमनवेल्थ खेल आयोजन समिति के चेयरमैन सुरेश कलमाड़ी पर कोर्ट में जाते हुए चप्पल फेंकी गई थी. अक्टूबर 2011 में लखनऊ में आरटीआई कार्यकर्ता ने आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल पर जूता फेंका था. 23 जनवरी 2012 को देहरादून में एक चुनावी सभा में कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी पर जूता फेंकने की घटना सामने आई.  जनवरी 2015 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री जितेन मांझी और सितंबर 2016 में  पंजाब विधानसभा में कार्यवाही के दौरान कांग्रेस विधायकों के प्रदर्शन के दौरान पंजाब के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया पर जूता फेंका. 

जनवरी 2017 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर अपने विधानसभा क्षेत्र लांबी में जूता फेंका गया. इससे पहले इसी महीने रोहतक में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर जूता फेंकने की घटना सामने आई.  

फरवरी 2009 में लंदन में चीनी नेता वेनजेबाओ पर एक जर्मन नागरिक ने जूता फेंका.डबलिन में सितंबर 2009 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर पर भी जूता और अंडा फेंका गया था. इसके अलावा चीन, रूस, ताईवान कनाडा और दुनिया के कई देशों में राजनेताओं पर जूता फेंकने की घटना हो चुकी है. 

पाकिस्तान में मुशर्रफ, नवाज और इमरान पर फेंका जा चुका है जूता
 अगस्त 2009 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी पर इंग्लैंड के बर्मिंघम में जूता फेंकने की घटना हुई. फरवरी 2011 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ जब लंदन में एक सभा को संबोधित कर रहे थे, उन पर एक आदमी ने जूता फेंका था. वह व्यक्ति अमेरिका में पाकिस्तानी नागरिकों की गिरफ्तारी का विरोध कर रहा था. 11 मार्च 2017 में लाहौर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर भी जूता फेंका गया. इसके एक साल बाद 13 मार्च को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरात शहर में एक रैली के दौरान पाकिस्तानी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान पर एक जूता फेंका गया.

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