काले धन पर लगाम के लिए भारत और नेपाल के बीच अहम समझौता
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नई दिल्ली : भारत और नेपाल के बीच एक अहम समझौता हुआ है। ये समझौता भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) और नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) के बीच हुआ है। इस समझौते का मुख्य मकसद निगरानी सूचनाओं का आदान-प्रदान करना है। काले धन पर लगाम के लिए इस तरह की सूचनाओं का बहुत महत्व होता है।
भारत और नेपाल के संबंधों को और मजबूत करने को लेकर यह कदम उठाया गया है। रिज़र्व बैंक ने खुद इस बारे में जानकारी दी है।
RBI के कार्यकारी निदेशक मीना हेमचं और NRB के कार्यकारी निदेशक नारायण पौडेल ने हस्ताक्षर किये है। जिस तरह भारत में रिज़र्व बैंक को केंद्रीय बैंक माना जाता है उसी तरह नेपाल राष्ट्र बैंक को नेपाल का केंद्रीय बैंक माना जाता है. इसके साथ ही यह भी बता दे कि इसके द्वारा नेपाल में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं में सुपरवायसरी का का काम किया जाता है और साथ ही मौद्रिक नीति को भी निर्देष्टि किया जाता है.
सहमति-पत्र (एमओयू) पर एनआरबी के कार्यकारी निदेशक नारायण पौडेल तथा रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मीना हेमचं ने हस्ताक्षर किए। जिस तरह आरबीआई भारत का केंद्रीय बैंक है उसी तरह नेपाल राष्ट्र बैंक नेपाल का केंद्रीय बैंक है। यह नेपाल में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं का सुपरवाइज करता है और मौद्रिक नीति को निर्देशित करता है। नेपाल राष्ट्र बैंक साथ ही विदेशी मुद्रा विनिमय दर और देश के विदेशी मुद्रा भंडार की देखरेख करने के साथ ही विदेशी मुद्रा नीति पर भी नियंत्रण रखता है।