कांग्रेस घोषणा पत्र में ‘देशद्रोह कानून’ हटाने से BJP को मिला ‘राष्ट्रवाद’ भुनाने का मौका

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में देशद्रोह कानून और अफस्पा को खत्म करने की बात कही है। माना जा रहा है कि ऐसा कर उसने भाजपा को मुख्य चुनावी मुद्दा पकड़ा दिया है। राष्ट्रवाद और सुरक्षा को देश की पहली प्राथमिकता बता रही भाजपा अब कांग्रेस के घोषणा पत्र के ही जरिए उसे देश के हितों से समझौता करने वाली करार देगी और खुद को राष्ट्रीय हितों की पैरोकार बताएगी। सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक को लगातार अपनी सफलता बताने वाली भाजपा के लिए कांग्रेस का घोषणा पत्र उसकी मंशा के अनुरुप ही आया है। कांग्रेस की सहयोगी दल नेशनल कांफ्रेंस की कश्मीर के लिए अलग प्रधानमंत्री होने की मांग करना भी भाजपा के राष्ट्रवाद के एजेंडे को मजबूत करता हुआ दिख रहा है। कांग्रेस घोषणा पत्र में 'देशद्रोह कानून' हटाने से BJP को मिला 'राष्ट्रवाद' भुनाने का मौका

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में विशेष क्षेत्रों में आतंकी गतिविधियों से निबटने के लिए सुरक्षा बलों के लिए बने अफस्पा कानून को हटाने की बात कही है। भाजपा नेता अरुण जेटली ने इसे सीधे-सीधे सेना के जवानों को मुकदमेबाजी में घेरने की ‘साजिश’ करार दिया है। उनका कहना है कि विशेष क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों को कई बार आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके घरों में कार्रवाई करनी पड़ती है। हर बार उनके ऊपर महिलाओं से छेड़छाड़ जैसे आरोप लगा दिये जाते हैं। 

लेकिन अब तक इन आरोपों की जांच होती है और दोषी सुरक्षाकर्मियों पर ही मामले चलाए जाते हैं। जेटली के मुताबिक, अगर कांग्रेस के मुताबिक यह कानून खत्म हो जाता है तो यह सीधे-सीधे सुरक्षाबलों को या तो कानूनी कार्रवाई में हमेशा के लिए उलझा देगा या वे आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से बचने लगेंगे। यह देश की सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक होगा। 
 

इसी तरह देशद्रोह के कानून को खत्म करने और कई कानूनों के पुनर्विचार करने के कांग्रेस के विचार को भी उन्होंने देश के खिलाफ अपनी मुहिम चलाने वाले तथाकथित ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि यह देशहित के खिलाफ होगा। उनके मुताबिक कांग्रेस के घोषणा पत्र में ये बिंदु उन ‘नक्सली-आतंकी’ लोगों की साजिश के कारण आए हैं जो समय-समय पर देश को तोड़ने की साजिश करते रहते हैं। 

संकल्प पत्र समिति के अहम सदस्य अरुण जेटली के इस रुख से यह बात साफ हो गई है कि भाजपा इसे लोकसभा चुनाव में जमकर भुनाने की कोशिश करेगी। वह अपने विजन को राष्ट्रवाद से प्रेरित और कांग्रेस के घोषणा पत्र को देश के हितों के खिलाफ बताएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के हाल के बयानों को देखने के बाद यह बात स्पष्ट हो जाती है। 

विपक्ष पर गहरी निगाह रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को लपकने में जरा भी देर नहीं की। उन्होंने मंगलवार की एक रैली में कहा कि विपक्ष देश के टुकड़े-टुकड़े करने की सोच रखने वाले लोगों के साथ खड़ा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि भाजपा देश के पक्ष में खड़ी है और वह उसकी सुरक्षा को कोई नुकसान नहीं पहुंचने देगी।    

विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय सचिव विजयशंकर तिवारी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में अफस्पा और देशद्रोह कानून को खत्म करने का वायदा कर सेल्फ गोल किया है। उनके मुताबिक देश की जनता सेना के खिलाफ किसी भी बात को कभी स्वीकार नहीं करती और कांग्रेस को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा।     

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