कहीं दुकानदार ने आपको भी तो नहीं बेच दी नकली खादी? ऐसे करें पहचान…

आज के समय में बाजार में नकली खादी भी असली के नाम पर बिक रही है। ऐसे में जरूरी है कि आप असली और नकली खादी के बीच फर्क समझ सकें।
आज गांधी जयंती है, ऐसे में हम आपको असली और नकली खादी में फर्क बताएंगे। दरअसल, आज के समय में बाजार में नकली खादी भी असली के नाम पर आसानी से मिल जाती है। कई बार हमें लगता है कि हमने असली खादी खरीदी है, लेकिन बाद में पता चलता है कि वो नकली या मशीन से बनी खादी है।
ध्यान रखें कि असली खादी सिर्फ एक कपड़ा नहीं, बल्कि हमारे देश की सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत का हिस्सा है। इसलिए ये जानना बेहद जरूरी है कि असली और नकली खादी में क्या फर्क होता है और कैसे आप दोनों को पहचान सकते हैं।
इस लेख में हम आपको असली और नकली खादी की पहचान के आसान और कारगर तरीके बताएंगे ताकि आप अपने पैसे की सही कीमत पा सकें और सच्चे खादी उत्पाद का आनंद ले सकें।
बुनाई की बनावट
खादी खरीदते समय ध्यान रखें कि असली खादी हाथ से बुनी होती है, इसलिए इसकी बनावट थोड़ी अनियमित और मोटे धागे वाली होती है। नकली खादी में बुनाई एकदम नियमित और मशीन जैसी चिकनी होती है।
कपड़े में होती है हवा पास होने की क्षमता
खादी का कपड़ा जब आप खरीदें तो ये चेक करें कि उसमें हवा पास होने की क्षमता हो। ध्यान रखें कि असली खादी की खासियत है कि यह शरीर को ठंडा रखती है क्योंकि इसमें हवा पास होती है। जबकि जो नकली खादी होती है, वो आपको गर्माहट का एहसास देगी।
धागों की मोटाई देखें
खादी के कपड़े खरीदते समय ध्यान रखें कि असली खादी के धागे असमान मोटाई के होते हैं, जिससे कपड़ा थोड़ा खुरदुरा लगता है। नकली खादी चिकनी और एकसमान होती है। इसे छूने से ही आपको फर्क पता लग जाएगा।
कीमत में फर्क
असली खादी महंगी होती है क्योंकि ये समय और मेहनत से तैयार होती है। ये आपको हर जगह पर मिलेगी भी नहीं। बाजार में मिलने वाली नकली खादी काफी सस्ते दामों में आपको बेहद ही आसानी से मिल जाएगी।
इन बातों का भी ध्यान रखें
खादी खरीदते समय ये भी समझ लें कि असली खादी पर KVIC (Khadi and Village Industries Commission) का टैग या प्रमाणपत्र होता है। नकली खादी में ये नहीं होता। लेकिन बाजार में मिलने वाली नकली खादी पर भी कई बार लोग फेक लोगो लगा देते हैं। इसलिए ऊपर दिए गए टिप्स को फॉलो करके ही खादी खरीदें।