कर्नाटक संकट: फ्लोर टेस्ट पर गहराया सस्पेंस, हां-ना के बीच उलझी नतीजों की गुत्थी
दरअसल, बागी विधायकों ने कांग्रेस की तरफ के मुख्यमंत्री की बात को सिरे से नकार दिया है। उनका कहना है कि वापस जाने का कोई सवाल ही नहीं है। वह किसी भी स्थिति में अपने इस्तीफे का निर्णय बदलने वाले नहीं हैं। गठबंधन सरकार चाहती है कि बागी विधायक उसके साथ आ जाएं और इसी वजह से वह सभी विकल्पों पर विचार कर रही है।
अतीत में कांग्रेस और जेडीएस नेता मुख्यमंत्री बदलने की मांग कर चुके हैं। बहुत से बागी विधायकों ने दावा किया है कि कुमारस्वामी के काम करने का तरीका और उनके भाई और पीडब्ल्यूडी मंत्री एचडी रेवन्ना के हस्तक्षेप के कारण उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कुमारस्वामी और उनके भाई को राज्य के इस राजनीतिक संकट के लिए जिम्मेदार भी ठहराया है।
रविवार को जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘यदि सरकार बच जाती है तो इसके लिए जेडीएस मुख्यमंत्री पद का त्याग करने को तैयार है। जेडीएस ने कांग्रेस को नए मुख्यमंत्री का चुनाव करने के लिए स्वतंत्र हैं। वह सिद्धारमैया, जी परमेश्वर और मुझमें से किसी को मुख्यमंत्री बना सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि बागियों को मनाने की कोशिश की जा रही है।
शिवकुमार द्वारा घोषणा करने के कुछ मिनट बाद ही बागी विधायकों ने कहा कि वह मानने वाले नहीं हैं। बागी विधायक बैराठी बस्वाराज ने कहा, ‘हमारे आत्म सम्मान को चोट पहुंची है और यदि सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तब भी अपना फैसला बदलने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।’ बस्वाराज पहले सिद्धारमैया के कट्टर अनुयायी थे।