बैंक खाते में अपने आप आ रहे पैसों से करता रहा मौज, जब पता चला तो हुआ ये हाल…
आलमपुर के रूरई गांव में रहने वाले हुकुम सिंह कुशवाह ये सब झेलने वाले शख्स हैं. वो अक्टूबर में हरियाणा से घर वापस आये और जब रुपए निकालने बैंक गया तो अकाउंट में सिर्फ 35 हजार की रकम बची थी. ये सब मैनेजर राजेश सोनकर को बताया गया.
ये हैरान कर देने वाली खबर मध्य प्रदेश के भिंड जिले से आई है. यहां भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की आलमपुर शाखा से बचत खाता खुलवाने वाले दो अलग-अलग ग्राहकों को एक ही अकाउंट नंबर जारी कर दिया गया. बैंक ने बकायदा दोनों को पासबुक जारी की जिस पर ग्राहक संख्या और खाता संख्या एक ही है.
दरअसल इस घालमेल का खुलासा तब हुआ, जब एक ग्राहक बैंक अपनी शिकायत लेकर पहुंचा. वो खाताधारक हरियाणा में मेहनत मजदूरी करता है. वह कमाई कर खाते में रुपए जमा कराता रहा. दूसरा ग्राहक इन रुपयों को निकालता रहा. यह सिलसिला पूरे 6 माह चला और खाते से 89 हजार रुपए निकल गए.
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पड़ताल हुई तो दो ग्राहकों को एक ही अकाउंट नंबर जारी होने की हकीकत सामने आई. पता चला कि हुकुम सिंह कुशवाह को बैंक से जो ग्राहक संख्या और खाता संख्या जारी किया गया है, वह रोनी गांव निवासी हुकुम सिंह बघेल को भी जारी किया गया है.
बैंकवालों ने बघेल को बुलवाया और उन्होंने लिखित में दिया कि उन्होंने 89 हजार की जो रकम निकासी की है, वो उसे कुशवाह को 3 किश्तों में वापस करेंगे.