कमर्शियल ड्राइवर 8 घंटे ही चला सकेंगे वाहन, GPS और लॉगबुक से होगी निगरानी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब देशभर में व्यावसायिक वाहन चालक केवल 8 घंटे ही वाहन चला सकेंगे। नींद व थकान से होने वाली सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। परिवहन, पुलिस और श्रम विभाग को अनुपालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

देशभर में व्यावसायिक (कमर्शियल) वाहनों के चालकों को अब एक दिन में अधिकतम 8 घंटे तक ही वाहन चलाने की अनुमति होगी। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 17 अप्रैल 2025 को दिए गए आदेश के अनुपालन में लिया गया है। राज्य सरकारों के परिवहन, सड़क सुरक्षा और श्रम विभागों को इसे लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल शुरू
परिवहन विभाग, पुलिस और श्रम विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी व्यावसायिक चालक 8 घंटे से अधिक वाहन न चलाए। राजस्थान सहित कई राज्यों में अब इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। खास तौर पर लंबी दूरी के ट्रक, बस और मालवाहक वाहनों पर निगरानी के लिए नई गाइडलाइन तैयार की जा रही है।

सड़क हादसों में झपकी बनी बड़ी वजह
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा आंकड़ों के अनुसार, हर साल हजारों हादसे ऐसे होते हैं, जिनमें ड्राइवर को झपकी आने के कारण वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। कभी वाहन सड़क से नीचे उतर जाता है, तो कभी सामने से आ रहे वाहन से भिड़ंत हो जाती है। इन हादसों में बड़ी संख्या में मानव जीवन की हानि होती है।

जिम्मेदार विभागों को मिले निर्देश
परिवहन विभाग: कमर्शियल वाहनों की निगरानी और चालकों की ड्यूटी लॉगबुक की जांच करेगा।

श्रम विभाग: ड्राइवरों की कार्य अवधि और श्रम कानूनों का पालन सुनिश्चित करेगा।

पुलिस विभाग: चेकिंग और निगरानी के जरिए नियमों की पालना सुनिश्चित करेगा।

GPS और लॉगबुक से होगी निगरानी
सरकार अब GPS ट्रैकिंग सिस्टम और डिजिटल लॉगबुक के माध्यम से चालकों के कार्य घंटों पर नजर रखेगी। अगर कोई चालक 8 घंटे से अधिक वाहन चलाता है, तो उस पर जुर्माना और परिवहन लाइसेंस निलंबन जैसी कार्रवाई की जा सकती है।

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