ऐसी होगी CDS की वर्दी, मिलेगी तीनों सेनाओं की झलक, सबसे पहले देखें यहां
नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के नाते जनरल बिपिन रावत नई भूमिका में होंगे और उनकी वर्दी भी अलग होगी। हालांकि उनकी वर्दी का रंग जैतूनी हरा ही रहेगा लेकिन उसमें सेना के तीनों अंगों की नुमाइंदगी के लिए अहम बदलाव होंगे।
सूत्र ने बताया कि CDS की वर्दी के कंधे पर सेना के तीनों अंगों के प्रतिनिधित्व के लिए सुनहरी रैंक्स वाला भूरा पैच होगा। CDS की कैप भी अलग होगी। इसमें बैजेस और अलंकरण के जरिए सेना के तीनों अंगों की झलक होगी। कंधे पर रैंक की पहचान देने वाले तलवार और बैटन या स्टार्स नहीं होंगे। CDS की वर्दी में कमरबंद भी नहीं होगा। इसके पीछे ‘सर्विस न्यूट्रल रिप्रेजेंटेशन’ दिखाने की भावना है।
कंधे के रैंक पर अशोक चिन्ह होगा, जिसमें दो तलवार, गरुड़ और एंकर होगा जो सेना के तीनों अंगों की नुमाइंदगी दर्शाएगा। तलवार, गरुड़ और एंकर वाला अशोक चिन्ह अभी तक इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ का लोगो रहा है। CDS की बेल्ट में भी यही लोगो होगा। सूत्र ने बताया, ‘विचार ये है कि CDS की वर्दी में सेना के तीनों अंगों को प्रतिनिधित्व देने वाले प्रतीक होने चाहिए। किसी सर्विस या रेजीमेंट के प्रतीक वर्दी पर नहीं होंगे।’
सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के कॉलर पर पाए जाने वाले 4 स्टार्स भी CDS की वर्दी में नहीं होंगे क्योंकि ये सेवा विशेष का प्रतिनिधित्व करते हैं। छाती पर सर्विस रिबन्स पहले की तरह ही रहेंगे। ये अभी साफ नहीं है कि CDS के दफ्तर में तीनों सेनाओं की नुमाइंदगी करने वाला झंडा होगा या नहीं। सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के दफ्तरों में उनकी सर्विस का झंडा होता है।
जनरल रावत का आवास लुटियंस दिल्ली में ‘3, कामराज मार्ग’ होगा। रक्षा मंत्रालय में CDS पांचवें सचिव होंगे। अभी तक मंत्रालय में रक्षा विभाग, रक्षा उत्पान विभाग, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग और पूर्व सैनिक कल्याण विभाग है।
अधिसूचना के मुताबिक CDS की अगुआई वाला डिफेंस मिलिट्री अफेयर्स (DMA) विभाग संयुक्त प्लानिंग के जरिए और सेना के तीनों अंगों की जरूरतों के मुताबिक हथियारों और उपकरणों की आपूर्ति, ट्रेनिंग और स्टाफिंग में समन्वय को बढ़ावा देगा।
इसके अलावा MDA ऑपरेशन्स में एकसारता लाकर संसाधनों के बेहतर से बेहतर उपयोग के मकसद के लिए मिलिट्री कमांड्स के पुनर्गठन में सहायता देगा। इसमें सेना के तीनों अंगों की ओर से स्वदेशी उपकरणों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए ज्वाइंट/थिएटर कमांड्स की स्थापना भी शामिल होगी।