एयरपोर्ट पर बेहोश हुआ यात्री तो CISF अधिकारी ने दिया CPR, तारीफ करने के बजाय भड़के लोग

दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हाल ही में एक घटना हुई, जिसने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं। यहां एक यात्री अचानक बेहोश हो गया था और मौके पर मौजूद सीआईएसएफ के अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने उसकी जान बचाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बिना देर किए यात्री को सीपीआर देना शुरू कर दिया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि, इस वीडियो को देखने के बाद कई लोगों ने तो सीआईएसएफ के अधिकारी की तारीफ की है। वहीं, कई लोगों ने आलोचना भी की है। आइए जानते हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि यात्री मोहम्मद मुख्तार आलम पहले फर्श पर बैठा था और अधिकारी उसे पानी पिला रहे थे। थोड़ी ही देर बाद वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा। इस स्थिति को देखकर वहां मौजूद लोग घबरा गए, लेकिन वीरेंद्र सिंह ने तुरंत ही सीपीआर देना शुरू कर दिया। वह तब तक यात्री को सीपीआर देते रहे जब तक एयरपोर्ट की मेडिकल टीम मौके पर नहीं पहुंच गई। इसके बाद यात्री को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत अब नॉर्मल है।

लोगों ने की अधिकारियों की जमकर तारीफ
सीआईएसएफ की ओर से इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी किया गया। उसमें बताया गया कि 1 सितंबर को सुरक्षा जांच के दौरान मोहम्मद मुख्तार आलम बेहोश हो गए थे। ऐसे वक्त में वीरेंद्र सिंह ने अपनी तुरंत प्रतिक्रिया के दम पर सीपीआर देकर उनकी जान बचाई। यह खबर सामने आने के बाद से लोग अधिकारी की जमकर तारीफ कर रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि ऐसे अधिकारी वाकई सम्मान के हकदार हैं, जिन्होंने बिना समय गंवाए तुरंत कदम उठाया। एक यूजर ने लिखा, “सीपीआर जैसी जान बचाने वाली तकनीक सभी को सिखाई जानी चाहिए। अगर स्कूलों और कॉलेजों में यह सिखाई जाए तो कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।” वहीं, दूसरे ने लिखा, “सीआईएसएफ के जज्बे को सलाम।”

सोशल मीडिया पर लोगों ने उठाए सवाल
हालांकि, इस घटना पर सबकी राय एक जैसी नहीं रही। कुछ लोगों ने सीपीआर देने के तरीके पर सवाल भी उठाए। उनका कहना था कि अधिकारी ने सही तरीके से जांच नहीं की, जैसे कि मरीज की नब्ज देखना या उसकी सांसों की स्थिति परखना। कुछ ने यह भी कहा कि दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में मरीज को पानी पिलाना सही नहीं होता। एक यूजर ने लिखा, “सिर्फ छाती दबाना सीपीआर नहीं होता। सीपीआर देने का सही तरीका आना जरूरी है। वरना मरीज की हालत और बिगड़ सकती है।” बता दें कि आम लोगों की यही सोच है कि हर बेहोशी पर सीपीआर देना जरूरी नहीं है। बेहोश होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जैसे कि ब्लड शुगर कम होना, थकान या घबराहट। ऐसे मामलों में सीपीआर की बजाय पहले असली कारण पहचानना जरूरी होता है।

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