तो ये है सरकार का मास्टर माइंड प्लान, एक रुपया भी खर्च किए बगैर यूं स्टेशनों को एयरपोर्ट जैसा बना रहा रेलवे
अब सवाल उठता है कि रेलवे को इस पर कितना पैसा खर्च करना होगा? जवाब है- एक रुपया भी नहीं। हबीबगंज का कायाकल्प करने के लिए 100 करोड़ रुपया भोपाल की कंपनी बंसल ग्रुप देगी। 2,000 करोड़ रुपये का सालाना टर्नओवर वाली यह कंपनी सड़क निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, खनन, लोहा और स्टील आदि के क्षेत्र में काम करती है। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक बदले में बंसल ग्रुप को रेलवे की 17,245 स्क्वैयर मीटर जमीन 45 साल के लिए लीज पर मिलेगी जहां वह 400 करोड़ रुपये की लागत से एक व्यापार केंद्र, एक अस्पताल, एक सम्मेलन कक्ष, एक सस्ता होटल और आलीशान होटल बनाएगा।
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रेलवे का फाइनैंसल टेंप्लेट बिल्कुल सामान्य है। 7.5 लाख हेक्टेयर की जमीन वाले रक्षा क्षेत्र के बाद 4.76 लाख हेक्टेयर जमीन के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा ‘जमीन मालिक’ भारतीय रेलवे ने अपने 400 स्टेशनों के आसपास की 1,092 हेक्टेयर जमीन के आधुनिकीकरण की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर डाल रखा है। 31 मार्च 2017 तक के आंकड़े के मुताबिक रेलवे काी जमीन के तीन-चौथाई हिस्से के इस्तेमाल रेल पटरियों और संरचनात्मक ढांचों में होने और 862 हेक्टेयर पर अतिक्रमण होने के बाद भी 51,648 हेक्टेयर जमीन खाली पड़ी है।
लेकिन, रेलवे कमर्शल यूज के लिए सिर्फ 10,000 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल ही कर सकता है क्योंकि बाकी खाली पड़ी जमीन पटरियों के किनारे की है जिसका वाणिज्यिक इस्तेमाल नहीं हो सकता। स्पष्ट है कि रेलवे के लिए उसकी जमीन उस फॉर्म्युले को परवान चढ़ाने में बेहद मददगार साबित हो रही है जिसके तहत रेलवे उस वक्त दुनिया के सबसे बड़े स्टेशन आधुनिकीकरण कार्यक्रम की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जब देश में रियल एस्टेट सेक्टर मंदी के दौर से गुजर रहा है।
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मुख्य बातें
1. ज्यादातर स्टेशन स्विस चैलेंज मॉडल में बदलाव के साथ पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत रीडिवेलप किया जा रहा है।
2. IL&FS, GMR, Tata Realty & Infrastructure, Brigade Group, Mantri Developers, Raheja, Shapoorji Pallonji, Reliance Infra, Lanco Infratech, Essel Group जैसी कंपनियां रेलवे के इस कार्यक्रम में दिलचस्पी ले रही हैं।
3. मलयेशिया, यूनाइडेट किंगडम (यूके), साउथ कोरिया, फ्रांस जैसे देशों ने भी दिलचस्पी दिखाई है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और मलयेशिया में रेलवे ने रोडशोज भी किए हैं।
4. रेलवे के लिए पूरी रणनीति बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप बना रहा है। ईवाई भी इस काम से जुड़ा है।