एक और बिल पास, रेप के आरोपियों को अब 21 दिन में होगी सजा ए मौत
हैदराबाद। आंध्र प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को एक अहम विधेयक पारित हुआ। पारित हुए ‘आंध्र प्रदेश दिशा बिल 2019’ के अनुसार, दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को मौत की सजा देने की छूट है। साथ ही इन मामलों की सुनवाई 21 दिनों के भीतर खत्म करनी होगी।
इसके अनुसार ऐसे मामलों में जहां संज्ञान लेने लायक साक्ष्य उपलब्ध हों, उसकी जांच सात दिनों में और ट्रायल को 14 कार्यदिवसों में पूरा करना होगा। इस विधेयक के तहत दुष्कर्म और सामूहिक दुष्कर्म करने वाले अपराधियों को 21 दिनों के अंदर ट्रायल पूरा करके मौत की सजा दी जा सकेगी।
क्या कहता है नया कानून?
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को सुनने के लिए विशेष अदालतों की स्थापना की जाएगी। यह बिल भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (ई) के तहत उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति देता है जो सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड करते हैं जो महिलाओं को नीचा दिखाते हैं। पहली बार के अपराधियों को दो साल के कारावास से दंडित किया जाएगा, जबकि यह दूसरी बार के अपराधियों को चार साल की जेल होगी।
बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न में शामिल लोगों पर धारा 354 (एफ) के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में अपराधियों को 10 से 14 साल की जेल की सजा दी जाएगी और अपराध में गंभीरता के मामले में आजीवन कारावास होगा। कैबिनेट ने POCSO अधिनियम के तहत ऐसे अपराधों के लिए कारावास का विस्तार करने को मंजूरी दी है।
सरकार द्वारा तैयार किए गए मसौदे में निर्णायक सबूतों के साथ पाए जाने पर बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड की सजा दी जाएगी।
क्यों दिया दिशा नाम
हैदराबाद में 27 नवंबर को एक महिला पशु चिकित्सक के साथ चार हैवानों ने दरिदंगी के बाद हत्या करके, शव को आग लगा दी थी उसे लोगों ने दिशा नाम दिया गया था। उसकी पंक्चर स्कूटी को ठीक करने में मदद का बहाना करके आरोपियों ने उसका अपहरण किया और फिर हैवानियत की। अगले दिन महिला का अधजला शव राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर शादनगर के पास एक अंडरपास में मिला था। जांच से पता चला था कि आरोपियों ने उसकी स्कूटी पंक्चर करके उसके अपहरण की योजना बनाई थी।