इथियोपिया: पीएम अबी अहमद को मिला शांति का नोबेल पुरस्कार

प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नाम का ऐलान होने से पहले कई नामों पर जोरदार चर्चा चल रही थी, इसमें 16 वर्षीय स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग का नाम भी शामिल था. इसके अलावा जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और हांगकांग में कार्यकर्ताओं का नाम भी सामने आ रहा था.

इथियोपिया अफ्रीका का दूसरा सबसे घनी आबादी वाला देश

हालांकि नोबेल पुरस्कार समिति ने सभी को चौंकाते हुए इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली को 2019 के शांति के नोबेल पुरस्कार का नाम का ऐलान किया. इथियोपिया अफ्रीका का दूसरा सबसे घनी आबादी वाला देश है और पूर्वी अफ्रीका का सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है.

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शांति के लिए किया जोरदार प्रयास

अबी अहमद अली पिछले साल अप्रैल में इथियोपिया के प्रधानमंत्री बने और उन्होंने पद संभालते ही यह साफ कर दिया था कि वह इरिट्रिया के साथ शांति वार्ता को जारी रखेंगे. उन्होंने इरिट्रिया के राष्ट्रपति इसाइस अफवर्की के साथ शांति पर लगातार चर्चा की और नो पीस, नो वार सिद्धांत पर समझौता किया.

दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने इस साल जुलाई और सितंबर में दोनों देशों में शांति समझौतों का ऐलान किया.

अब तक 11 लोगों को नोबेल1901 से अब तक नोबेल शांति पुरस्कार 99 व्यक्तियों और 24 संगठनों को दिए जा चुके हैं. नोबेल से जुड़े पुरस्कारों का ऐलान स्टॉकहोम में होता है जबकि शांति पुरस्कार की घोषणा नार्वे की राजधानी ओस्लो में की जाती है.

इस साल यानी इस हफ्ते अब तक अलग-अलग क्षेत्रों में 11 लोगों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किए जाने का ऐलान हो चुका है जिसमें 10 पुरुष हैं.

साहित्य के लिए 2 नामों का ऐलान

इससे पहले गुरुवार को साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा हुई. इस बार 2018 और 2019 दोनों सालों के नोबेल साहित्य पुरस्कार दिए जाने का ऐलान हुआ. 2019 का साहित्य का नोबेल पुरस्कार आस्ट्रियाई मूल के लेखक पीटर हैंडके को दिया जाएगा. आस्ट्रिया मूल के लेखक पीटर को उनके इनोवेटिव लेखन और भाषा में नवीनतम प्रयोगों के लिए ये पुरस्कार दिया गया है.

जबकि लेखन के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता की भी भूमिका निभाने वाली पोलैंड की ओल्गा टोकारजुक को 2018 का साहित्य का नोबेल दिए जाने का ऐलान हुआ है. साल 2018 में उन्हें उपन्यास फ्लाइट्स (जेनिफर क्रॉफ्ट द्वारा अनुवादित) के लिए बुकर प्राइज भी दिया गया था. वो पोलैंड की पहली लेखिका हैं जिन्हें अपने काम के लिए नोबेल और बुकर दोनों ही पुरस्कार मिल चुके हैं.

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