इंदौर में दूषित पानी पीने से अब तक आठ लोगों की मौत, सीएम ने दिए जांच के आदेश

 देश के स्वच्छतम शहर और वाटर प्लस (अपशिष्ट जल प्रबंधन) का तमगा हासिल कर चुके इंदौर में दूषित पानी पीने से एक-एककर आठ लोगों की मौत हो गई। घटना भागीरथपुरा क्षेत्र की है। यहां बीते कई दिनों से रहवासी गंदा पानी सप्लाई होने की शिकायत कर रहे थे।

सोमवार को जब 100 से अधिक लोगों को उल्टी-दस्त होने पर अस्पताल तक जाना पड़ा तब जाकर मामले की गंभीरता पता चली। उल्टी- दस्त से मंगलवार तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है।

अधिकतर घरों में उल्टी-दस्त के मरीज हैं

अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि क्षेत्र में 26 दिसंबर को उल्टी-दस्त से पहली मौत हुई थी, लेकिन जिम्मेदारों की नींद नहीं टूटी। सोमवार को अस्पताल पहुंचे करीब 100 में से 34 लोगों की स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां, भागीरथपुरा का बड़ा हिस्सा प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के विधानसभा क्षेत्र इंदौर-एक में आता है।

मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने भागीरथपुरा क्षेत्र में सर्वे किया। पता चला कि अधिकतर घरों में उल्टी-दस्त के मरीज हैं। मंगलवार को ही नगर निगम की टीम ने दूषित पानी की वजह जानने के लिए क्षेत्र की जल वितरण लाइनों की जांच की।

पता चला कि जिस मुख्य लाइन से पूरे भागीरथपुरा में पानी वितरित होता है, उसी के ऊपर सार्वजनिक शौचालय बना हुआ है। मुख्य लाइन फूटने की वजह से ड्रेनेज सीधे उसमें मिलकर रहवासियों के घरों तक पहुंच रहा था।

इसके अलावा भी क्षेत्र में कई अन्य जगह पेयजल की वितरण लाइन में टूट-फूट मिली। फिलहाल पूरे भागीरथपुरा में नर्मदा नदी के पानी की सप्लाई बंद कर टैंकरों के माध्यम से जल वितरण की व्यवस्था की गई है। सोमवार शाम को मंत्री कैलाश विजवर्गीय और महापौर पुष्यमित्र भार्गव मरीजों का हाल लेने अस्पतालों में पहुंचे।

मृतकों के परिवार को दो-दो लाख रुपये की सहायता

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि इंदौर शहर के भागीरथपुरा क्षेत्र में हुई घटना बेहद दुखद है। उन्होंने मृतकों के परिवारजनों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।

साथ ही उन्होंने इस दुखद हादसे में क्षेत्र का दायित्व संभालने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही के निर्देश दिए है। इस संबंध में कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने बताया कि भागीरथपुरा मामलें में जोनल अधिकारी शालिग्राम सितोले, सहायक यंत्री श्री योगेश जोशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है और प्रभारी उपयंत्री पीएचई शुभम श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक किया गया है।

साथ ही इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक समिति गठित की गई है। समिति आईएएस श्री नवजीवन पंवार के निर्देशन में जांच करेगी। समिति में श्री प्रदीप निगम, सुप्रिडेंट इंजीनियर और मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेश राय को भी शामिल किया गया है।

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