इंदौर: दूषित पानी कांड में नपे जोनल अधिकारी सहित तीन अफसर

दूषित पानी के सेवन से हुई चार मौतों के मामले में अफसरों की लापरवाही समाने अाई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जिम्मेदारी तीन अफसरों को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा एक कमेटी भी इस मामले की जांच करेगी। अब तक भागीरथपुरा बस्ती में पांच मौतें हो चुकी है।

इंदौर की भागीरपुरा बस्ती में दूषित पानी के सेवन से हुई चार मौतों के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जांच कमेटी बनाई है। इसके अलावा जोनल अधिकारी समेत तीन अफसरों को निलंबित किया गया है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर दी। उन्होंने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

भागीरथपुरा बस्ती में उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या भी मंगलवार को बढ़ गई।आंकड़ा 200 से ज्यादा तक पहुंचा है। इतनी बड़ी संख्या में मरीज सामने आने के बाद माना जा रहा था कि अफसरों पर गाज गिर सकती है। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी इसके संकेत दिए थे। इस कांड को लेकर मुख्यमंत्री भी अफसरों से लगातार जानकारी ले रहे थे।

देर रात उन्होंने इस मामले में जोनल अधिकारी शालिग्राम सितोले, सहायक यंत्री योगेश जोशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, जबकि पीएचई के प्रभारी उपयंत्री शुभम श्रीवास्तव की तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्त की गई है।

मामले की जांच के लिए सीएम ने कमेटी का गठन किया है। जिसमें आईएएस नवजीवन पंवार के निर्देशन में कमेटी जांच करेगी। समिति में अधीक्षण यंत्री प्रदीप निगम व मेडिकल काॅलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. शैलेश राय को भी शामिल किया गया है।

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