इंतजार खत्म! कच्चे तेल के सबसे बड़े भंडार के करीब पहुंचा भारत

ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में हुए 9वें OPEC इंटरनेशनल सेमिनार में भारत के केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कच्चे तेल के भंडार की खोज को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ओएएलपी के राउंड 10 के तहत भारत ने गुयाना के क्षेत्रफल करीब 2.5 लाख वर्ग किलोमीटर के बराबर ऑयल फील्ड की जो खोज शुरू की थी, अब हम उसके बेहतर करीब पहुंच गए हैं।

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक भारत तेजी के साथ कच्चे तेल के भंडार की खोज में लगा हुआ है। अंडमान सागर में भारत एक परिवर्तनकारी तेल भंडार की खोज के कगार पर है। हम इसके बेहद करीब पहुंच गए हैं। वह दिन दूर नहीं जब भारत गुयाना के क्षेत्रफल के बराबर कच्चे तेल के भंडार का मालिक होगा। गुयाना 11.6 बिलियन बैरल तेल और गैस का भंडार के साथ विश्व में 17वें नंबर पर है।

कच्चे तेल की खोज में भारत ला रहा तेजी
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सेमिनार में बोलते हुए कहा, “हम अंडमान में 2.5 लाख वर्ग किलोमीटर के दायरे में कच्चे तेल और गैस की खोज के बेहद करीब पहुंच गए हैं। भारत ने अपने इस महत्वकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के करीब पहुंचने के लिए ड्रिलिंग के प्रयासों को और तेज कर दिया है। हम हाइड्रोकार्बन की खोज को गति दे रहे हैं।”

भारत का लक्ष्य 2028 तक अपनी शोधन क्षमता को 310 मिलियन टन प्रति वर्ष तक बढ़ाना तथा 2030 तक पेट्रोकेमिकल क्षमता का विस्तार कर 300 बिलियन डॉलर का उद्योग बनना है। यानी इतने वर्ग किलोमीटर में ड्रिलिंग करके कच्चे तेल के भंडार को खोजने की गति को बढ़ाया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नीतियों में हुए बदलाव हमारे इस विजन को सपोर्ट करते हैं। हम अपने मॉडल को प्रोडक्शन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट से रेवेन्यू शेयरिंग पर शिफ्ट कर रहे हैं। हमने नियमों में भी बदलाव किया है। ओआरडी अधिनियम 1948 में संशोधन, तथा हाइड्रोकार्बन परियोजनाओं में नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करके हमने इसे और आसान बनाया है।

भारत को होगा तगड़ा फायदा
अंडमान में चल रही कच्चे तेल के भंडार की खोज अगर पूरी हो जाती है तो इससे भारत की अर्थव्यवस्था को तगड़ा फायदा होगा। अंडमान में गुयाना के बराबर तेल का भंडार मिलने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था 3.7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से सीधे 20 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी।

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