आरबीआई ने जारी किया ये आदेश, खाते से पूरा पैसा निकालने के लिए लग गईं लाइनें
चेन्नई। आरबीआई ने हाल ही में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पत्र को बैंक खाता खोलने के लिए केवाईसी के वैध दस्तावेज शामिल करने का निर्णय लिया है। इस बात का पता चलते ही तमिलनाडु के थुथुकुडी के समीप एक गांव में लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। गांव के लोग अपने खाते से पूरा पैसा निकालने के लिए बैंक में उमड़ पड़े।
आरबीआई के निर्णय के बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की एक स्थानीय शाखा ने एक विज्ञापन लगाया और जिसमें बताया गया कि केवाईसी वेरिफिकेशन के लिए एनपीआर पत्र को भी एक वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा। इसके कुछ ही देर बाद कयालपट्टिनम गांव के सैकड़ों लोग अपने पैसे निकालने के लिए बैंक की शाखा में पहुंच गए। इनमें काफी संख्या मुस्लिम समुदाय के लोगों की थी।
एक सरकारी कर्मचारी ने अपने खाते से लगभग 50,000 रुपये निकाले। उन्होंने कहा कि शाखा के लगभग सभी ग्राहक घबरा गए थे। हमें नोटबंदी का हाल मालूम है। कई दिनों तक हमें लाइन में लगना पड़ा था। ऐसे में विज्ञापन के बाद बैंक ग्राहक घबराकर पैसे निकालने ब्रांच में पहुंच गए। इस स्थिति में बैंक अधिकारी पूरी तरह असहाय दिख रहे थे क्योंकि वे हमें समझा नहीं पा रहे थे कि आरबीआई ने एनपीआर को सूची में क्यों शामिल किया है।
बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि कई अन्य शाखाओं से भी इस तरह की खबरें आ रही है। अधिकारी ने कहा कि हमने अपने ग्राहकों को समझाने के लिए सामुदायिक नेताओं और कयालपट्टिनम के जमात कमेटियों से संपर्क किया है क्योंकि तीन दिनों से भी कम समय में ग्राहकों से अपने खाते से बड़ी राशि निकाल ली है। हमें यह नहीं पता कि हम सभी ग्राहकों को समझा सकते हैं या नहीं और उन्हें वापस अपनी शाखा में ला भी सकते हैं या नहीं।
हालांकि कई बैंकों ने अभी तक वैध केवाईसी दस्तावेजों की सूची में एनपीआर पत्र नहीं जोड़ा है। बैंक ऑफ बड़ौदा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसे अभी हमलोगों ने शामिल नहीं किया है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पब्लिक रिलेशन विभाग के सहायक महाप्रबंधक आर एल नायक ने कहा कि कयालपट्टिनम में जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि लोगों को गलतफहमी हुई है। यदि किसी के पास आधार कार्ड है, तो वह केवाईसी के लिए पर्याप्त है। यदि किसी के पास पैन कार्ड है, तो हम पते के प्रमाण के लिए दूसरा दस्तावेज मांगेंगे। इसलिए आम तौर पर हम उन लोगों से दो दस्तावेज इकट्ठा करते हैं जिनके पास आधार नहीं है। आमतौर पर केवाईसी सत्यापन के लिए माना जाने वाले दस्तावेजों की संख्या आधा दर्जन है, जिनमें पैन कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कार्ड और आधार शामिल हैं। आरबीआई द्वारा हाल ही में एनपीआर पत्र को सूची में शामिल करने के बाद हमें इसे अपने विज्ञापन में जोड़ना पड़ा। यदि कोई वयक्ति एनपीआर पत्र के साथ केवाईसी के लिए आता है तो हम इससे इनकार नहीं कर सकते हैं।