‘आपरेशन ¨सदूर’ के बाद ‘आपरेशन तिलक’, पाकिस्तान को हर तरफ से मिली पटखनी

दुबई में भारतीय क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान को हराकर एशिया कप जीता। रोमांचक मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हराया और टूर्नामेंट में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 146 रन बनाए जिसे भारत ने 19.4 ओवर में हासिल कर लिया। कुलदीप यादव ने शानदार गेंदबाजी की और तिलक वर्मा ने अर्धशतक बनाया।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर से कराहने वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान की क्रिकेट टीम को रविवार को दुबई अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट टीम के ऑपरेशन तिलक ने झकझोर कर रख दिया।

सांसों को थाम देने, धमनियों में बहने वाले रक्त के प्रवाह को रोक देने वाले चार घंटे के इस मुकाबले में भारत के 11 रणबांकुरों ने ऐसा साहसी प्रदर्शन किया कि दुनियाभर के भारतवंशियों की छाती गर्व से फूल गई। भारतीय टीम ने हमें ऐसी खूबसूरत रात का दर्शन कराया जिसका अहसास ताह जिंदगी रहेगा।

सूर्य कुमार की टीम ने रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे खिताबी मुकाबले को पांच विकेट से ही नहीं जीता बल्कि पाकिस्तान को इस टूर्नामेंट में लगातार तीसरी बार हराया। भारत ने पिछले आठ मैचों में पाकिस्तानी टीम को पराजित कर बता दिया कि अब क्रिकेट में बादशहत हमारी चलती है। भारत ने रिकॉर्ड नौवीं बार (सात बार वनडे प्रारूप और दो बार टी-20 प्रारूप) एशिया कप जीता।

सबसे आगे भारत
भारत ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को बल्लेबाजी के लिए बुलाया। उन्होंने एक समय 12.4 ओवर में एक विकेट के नुकसान पर 113 रन बना लिए थे लेकिन उसके अगले नौ विकेट सिर्फ 33 रन पर गिर गए। साहिबजादा फरहान ने उनके लिए सबसे ज्यादा 57 रन बनाए। कुलदीप यादव ने एक ओवर में तीन और कुल चार विकेट लेकर पाकिस्तान को 19.1 ओवर में सिर्फ 146 रनों पर ऑलआउट कर दिया।

कुलदीप ने इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 17 विकेट लिए। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने भी 20 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे लेकिन तिलक वर्मा (नाबाद 69) के सूझबूझ से भरे अर्धशतक की बदौलत भारत ने 19.4 ओवर में जीत हासिल कर ली। उन्होंने तीन चौकों और चार छक्कों की ऐसी मिसाइलें चलाईं कि पाकिस्तानी टीम तबाह हो गई। उन्होंने इस टूर्नामेंट में भारत की तरफ से अभिषेक (314) के बाद सबसे ज्यादा 213 रन बनाएा

भारत ने मोहसिन नकवी से ट्रॉफी लेने से इन्कार किया
भारतीय टीम ने फाइनल जीतने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड व एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी से विजेता ट्रॉफी लेने से इन्कार कर दिया। इस कारण करीब एक घंटे तक पुरस्कार वितरण समारोह नहीं हो सका। पाकिस्तान के गृहमंत्री एसीसी अध्यक्ष होने के नाते ट्रॉफी देना चाहते थे, लेकिन भारतीय टीम ने साफ इन्कार कर दिया। मोहसिन नकवी करीब आधे घंटे तक स्टेज पर खड़े रहे। उनके साथ अमीरात क्रिकेट बोर्ड के पदाधिकारी भी थे।

भारतीय टीम एक तरफ खड़ी थी और काफी देर तक ड्रेसिंग रूम में रहने वाली पाकिस्तानी टीम भी बाहर आकर दूसरी तरफ खड़ी रही। एक समय तो विजेता ट्रॉफी को भी मैदान से बाहर ले जाया गया। आखिरी में प्रजेंटर ने कहा कि भारत ने ट्रॉफी लेने से इन्कार कर दिया है जिससे पुरस्कार समारोह खत्म किया जाता है। इसके बाद मोहसिन नकवी भाग गए।

भारतीय टीम ने बिना ट्रॉफी के साथ फोटो खिंचवाई। ऐसा पहली बार हुआ है, जब विजेता टीम ने ट्रॉफी के बिना ही जश्न मनाया। भारतीय टीम चाहती थी कि उसे बताया जाए कि उन्हें ट्रॉफी और बाकी पुरस्कार कौन देगा। बीसीसीआई से भारतीय टीम को साफ-साफ निर्देश दिया गया कि किसी भी पाकिस्तानी से कोई ट्रॉफी नहीं ली जाएगी।

नकवी की बेइज्जती
एक घंटे के बाद पुरस्कार समारोह शुरू हो सका। निश्चित तौर पर इससे नकवी की बहुत ज्यादा बेइज्जती हुई। वह ट्रॉफी देने पर अड़े थे। जब नकवी मंच पर आए, तो स्टैंड में बैठे भारतीय प्रशंसकों ने भारत माता की जय के नारे लगाने शुरू कर दिए। नकवी को बताया गया कि अगर वह जबरन ट्रॉफी देंगे तो भारतीय टीम उसे नहीं लेगी और इस संबंध में आधिकारिक शिकायत की जाएगी।

तीन एशिया कप मैचों में पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाने और टॉस से पहले फोटो सेशन से भी दूर रहने के बाद भारतीय टीम को बीसीसीआई की तरफ से साफ निर्देश दिया गया था। वहीं भारत सरकार ने बीसीसीआई को कहा था कि भारतीय टीम पाकिस्तानी गृहमंत्री से कोई भी ट्रॉफी नहीं ले। नकवी ने क्रिस्टियानो रोनाल्डो के प्लेन क्रैश वाले सेलिब्रेशन का एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसका सीधा संबंध पाकिस्तान के ‘आपरेशन ¨सदूर’ में छह भारतीय विमानों के गिरने के फर्जी दावे से था।

नकवी ने आईसीसी से यह भी मांग की थी है कि भारतीय सेना का समर्थन करने और पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए सूर्यकुमार यादव पर प्रतिबंध लगाया जाए। टॉस के दौरान भी दोनों टीमों के कप्तानों से बात करने के लिए उनके देश से संबंधित अलग-अलग प्रजेंटर बुलाने पड़े थे।

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