इसलिए मोदी सरकार ने भी माना, GST की टैक्स दरों में पूरी तरह से फेरबदल की जरूरत
जीएसटी रिटर्न फाइल करने और करों का भुगतान करने में छोटे और मझोले व्यवसायियों की परेशानियों को हल करने और नई कर प्रणाली को इंडस्ट्री फ्रेंडली बनाने के लिए विभिन्न पक्षों में सुधार किया जा रहा है। जीएसटी काउंसिल ने 100 से अधिक वस्तुओं पर कर दरों को युक्तिसंगत बनाया है और निर्यातकों को रिफंड की प्रक्रिया को आसान बनाया जा रहा है।
राजस्व सचिव ने कहा, ‘इसमें पूरी तरह से बदलाव की जरूरत है… यह संभव है समान चैप्टर से कुछ वस्तुओं को विभाजित किया जाए। यहां वस्तुओं के चैप्टरवाइज समानीकरण करने की आवश्यकता है। इसमें जहां यह लगे कि छोटे और मझोले व्यवसायियों और आम आदमी पर कर के बोझ को कम किया जा सकता है, हमें कमी लानी होगी। इससे जीएसटी का सही ढंग से अनुपालन संभव होगा।’
जीएसटी काउंसिल पहले ही कुछ वस्तुओं के समानीकरण करने संबंधी अप्रोच पेपर को मंजूरी दे चुका है लेकिन यह बाध्यकारी नहीं है। अढिया ने कहा कि कमेटी अपने सुझावों को जल्द से जल्द परिषद के सामने लाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता व सभी राज्यों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में जीएसटी परिषद की 23वीं बैठक 10 नवंबर को गुवाहाटी में होनी है।