आइसा-एसएफआई ने घोषणा पत्र किया जारी…

डूसू चुनाव के लिए आइसा और एसएफआई ने संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया। इसमें अनिवार्य उपस्थिति नीति खत्म करने, फीस वृद्धि रोकने और नए छात्रावास बनाने जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है।

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) ने डूसू चुनाव के लिए शनिवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया। दोनों छात्र संगठन मिलकर डूसू चुनाव लड़ रहे हैं। घोषणा पत्र में विश्वविद्यालय की वार्षिक शुल्क वृद्धि को रोकने, बढ़ी फीस वापस लेने, नए छात्रावास का निर्माण करने, सभी कॉलेजों में आईसीसी और लैंगिक संवेदनशीलता प्रकोष्ठ स्थापित करने, अनिवार्य उपस्थिति नीति को समाप्त करने सहित कई दूसरे मुद्दों को शामिल किया गया है।

घोषणा पत्र जारी करने के दौरान एसएफआई और आइसा ने एबीवीपी और एनएसयूआई की जगह खुद को राजनीतिक मॉडल का विकल्प बताया। डूसू चुनाव में एसएफआई-आइसा ने अंजलि को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार, उपाध्यक्ष पद के लिए सोहन कुमार यादव, सचिव पद के लिए अभिनंदना और संयुक्त सचिव के पद पर अभिषेक कुमार को उम्मीदवार बनाया है।

साथ ही डीयू प्रवेश परीक्षा बहाल करने, संघ की आय के व्यय में पारदर्शिता सुनिश्चित करने, समग्र विकास के लिए खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, छात्रों को रियायती दरों पर पौष्टिक भोजन, दिव्यांग के अनुकूल परिसर बनाने, महिला छात्राओं के लिए मासिक धर्म अवकाश सुनिश्चित करने और डूसू चुनावों के लिए सुधार लागू करने के मुद्दों को शामिल किया गया है।

चुनाव प्रचार के लिए उम्मीदवारों को नोटिस
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के प्रचार-प्रसार पर मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय नजर बनाए हुए है। चुनाव कार्यालय के एक अधिकारी के अनुसार दो उम्मीदवारों को नोटिस जारी किया गया है। उम्मीदवारों पर प्रचार नियमों की अवहेलना का आरोप है। शिकायत मिलने पर यह नोटिस उम्मीदवारों को दिया है। इस संबंध में उनसे आरोप को लेकर जवाब मांगा गया है।

वहीं रामानुजन कॉलेज स्टूडेंट यूनियन में अध्यक्ष पद के लिए पहली बार महिला का निर्विरोध चयन कर लिया गया है। इसमें छह पद में से दो पद अध्यक्ष और एक केंद्रीय काउंसलर छात्रों के लिए आरक्षित है। इसमें अध्यक्ष पद के लिए बीए फिलॉस्फी ऑनर्स की छात्रा रिया अवाना को अध्यक्ष के तौर पर चुनी गई। जबकि उपाध्यक्ष कृष्ण अरोड़ा बने।

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