आंख में पल रहे सपने को इस पिता ने अपने बेटे को दिए विरासत में….!!!

कभी साड़ी की सफाई की, तो कभी कुरियर मैन बने और अब गाडि़याें की इंट्री और आउट का लेखा जोखा तैयार करते हैं। इन सबसे जो कुछ कमाते, बेटे के लिए किताबें खरीद लाते। जिंदगी की मुफलिसी के कांटों से खुद तो जख्मी हैं, पर बेटे को इससे बचाते रहे।

आंख में पल रहे सपने को इस पिता ने अपने बेटे को विरासत में दे दिया है। आज इनके बेटे का नाम पूरे शहर में छा गया है। वाराणसी के मोहम्मद इमराज, जिनसे यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा में पूरे जिले में अव्वल स्थान हासिल किया है।

ईद से पहले ये खुशी पाकर आज घर परिवार तो निहाल है ही पूरा कस्बा बेटे की कामयाबी और पिता की कोशिशों को दिल से सलाम कर रहा है।  इस मेधावी के पिता सईद अहमद सिद्दीकी का पूरा परिवार मुफलिसी के दौर से गुजर रहा है।

 

 

रामनगर की एक फैक्ट्री में महज साढ़े पांच हजार की नौकरी कर रहे हैं। भरे पूरे परिवार का गुजारा इतनी कमाई से बड़ी मुश्किल से चलता है, बावजूद इसके सईद ने अपने बच्चों को तालीम दिलाने में पीछे नहीं रहे। मोहम्मद इमरान को अभी लंका सफर तय करना है, उसकी सफलता से पिता गदगद भी लेकिन चिंता की एक लकीर भी माथे पर खिंच गई है।

बेटे का सपना इंजीनियरिंग का है लेकिन इंजीनियरिंग की कोचिंग और कालेज की फीस के लिए अभी उन्हें और कितना पेट काटना होगा, उन्हें भी नहीं मालूम लेकिन बेटे का सपना पूरा करने को वो पूरे उत्साह के साथ तैयार हैं। मोहम्मद इमरान बताते हैं कि पापा ने उनकी हर ख्वाहिश पूरी की।

हमेशा यही कहा कि तुम पढ़ो, फीस किताबें कहां से आएंगी इसकी फिक्र तुम मुझ पर छोड़ दो। घर की गाड़ी चलाने में अम्मी अफसाना बेगम भी टीन शेड के घर में आरी का काम करती हैं लेकिन उन्होंने कभी मुझे कोई काम करने का दबाव नहीं बनाया। छोटे भाई व बहन की भी पढ़ाई पर उनका पूरा जोर है।

जिस दिन इमरान का रिजल्ट आया था उस दिन भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य ने उसकी फीस माफ करने का ऐलान किया था। हालांकि ये ऐलान उन्होंने न तो इमरान से किया और ना ही ऐसा कोई वादा पिता सईद से किया।

पिता सईद कहते हैं कि मेरे बेटे ने पूरे जिले का नाम रौशन किया है। गरीबी में पल बढ़ रहे बेटे को किसी संस्था ने अब तक कोई हौसले के बोल नहीं बोले और ना ही कोई मदद को आगे ही आया है अब तक।

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