असद शासन के तख्तापलट के बाद सीरिया में पहली बार हो रहे संसदीय चुनाव, क्यों है इतना अहम?

सीरिया में दशकों की तानाशाही और एक लंबे गृहयुद्ध के बाद रविवार को पहली बार संसदीय चुनाव हो रहे हैं। दरअसल, दिसंबर में एक विद्रोही हमले में निरकुंश नेता रहे बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। जिसके बाद यह चुनाव हो रहा है।

सीरिया में हो रहा यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि यहां 50 वर्षों से अधिक समय तक असद परिवार ने देश पर कठोर शासन किया था। पिछले 10 वर्षों में सीरिया में हुए गृहयुद्ध ने तबाह कर दिया था। वैसे तो सीरिया में नियमित चुनाव होते रहे थे। जिसमें सभी सीरियाई नागरिक को मतदान करने का अधिकार था। लेकिन असद के नेतृत्व वाली बाथ पार्टी हमेशा संसद पर हावी रही, और इन चुनावों को व्यापक रूप से दिखावटी चुनाव माना जाता था।

लोकतांत्रिक प्रकिया पर नहीं हो रहा चुनाव
हालांकि, रविवार को हो रहा चुनाव भी पूरी तरह से लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर नहीं होगा। बल्कि, पीपुल्स असेंबली की ज्यादातर सीटों पर प्रत्येक जिले के निर्वाचक मंडल द्वारा मतदान किया जाएगा, जबकि एक-तिहाई सीटों पर अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा द्वारा सीधे नियुक्ति की जाएगी। फिर भी चुनाव परिणामों को इस बात का पैमाना माना जाएगा कि अंतरिम सरकारें समावेशिता, खासकर महिलाओं और अल्पसंख्यकों के प्रति, कितनी गंभीर हैं।

कैसे काम करती है यह प्रणाली?
बता दें कि पीपुल्स असेंबली में 210 सीटें हैं, जिनमें से दो-तिहाई रविवार को चुनी जाएंगी और एक-तिहाई नियुक्त की जाएंगी। निर्वाचित सीटों पर देश भर के जिलों के निर्वाचक मंडल द्वारा मतदान किया जाता है, और प्रत्येक जिले के लिए सीटों की संख्या जनसंख्या के अनुसार वितरित की जाती है।

जानिए पूरी प्रकिया
चुनावी प्रक्रिया के अनुसार, 60 ज़िलों में कुल 7,000 निर्वाचक मंडल सदस्यों – जिन्हें इस उद्देश्य के लिए नियुक्त समितियों द्वारा प्रत्येक जिले में आवेदकों के समूह में से चुना जाता है। उनको 140 सीटों के लिए मतदान करना चाहिए। लेकिन स्वेदा प्रांत और कुर्द नेतृत्व वाली सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेज के नियंत्रण वाले पूर्वोत्तर क्षेत्रों में स्थानीय अधिकारियों और दमिश्क की केंद्र सरकार के बीच तनाव के कारण चुनाव अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिए गए हैं, जिसका अर्थ है कि ये सीटें खाली रहेंगी। वहीं, करीब 6,000 निर्वाचक मंडल सदस्य 50 जिलों में लगभग 120 सीटों के लिए मतदान करेंगे।

व्यक्तिगत रूप चुनाव लड़ रहें नेता
गौरतलब है कि असद के सत्ता से बेदखल होने के बाद अंतरिम अधिकारियों ने सभी मौजूदा राजनीतिक दलों को भंग कर दिया। इसमें अधिकांश असद सरकार से निकटता से जुड़े थे। यहां अभी तक नए दलों के रजिस्ट्रेशन की कोई व्यवस्था नही है। इसलिए सभी उम्मीदवार व्यक्तिगत रूप से चुनाव लड़ रहे हैं।

महिलाओं के लिए कोई रिजर्व कोटा नहीं
संसद में महिलाओं और धार्मिक या जातीय अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व के लिए कोई रिजर्व कोटा नहीं है। सरकारी समाचार एजेंसी सना ने राष्ट्रीय चुनाव समिति के प्रमुख मोहम्मद ताहा अल-अहमद के हवाले से बताया कि अंतिम सूचियों में शामिल 1,578 उम्मीदवारों में से 14 प्रतिशत महिलाएं थीं। कुछ ज़िलों में, कुल उम्मीदवारों में से 30 या 40 प्रतिशत महिलाएं हैं, जबकि अन्य में कोई महिला उम्मीदवार नहीं है।

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