अमेरिका में अब प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करना होगा आसान

ट्रंप प्रशासन ने नई नियमावली को तय समय से पहले लागू कर दिया है, जिससे संघीय संपत्तियों के बाहर भी प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई आसान हो जाएगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने नई नियमावली को तय समय से पहले लागू करने का फैसला किया है, जिससे संघीय सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा करने वाली एजेंसी को अब प्रदर्शनकारियों पर अधिक मामलों में कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया है। दरअसल, फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस को लेकर यह बदलाव जनवरी 2024 में बाइडन प्रशासन के दौरान प्रस्तावित किया गया था और इसे 2025 की शुरुआत में लागू किया जाना था, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इसे बुधवार से ही प्रभावी कर दिया।
सरकार का कहना है कि हाल ही में हिंसा की घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए यह कदम जरूरी था। खासकर वे प्रदर्शन जो ट्रंप के “मास डिपोर्टेशन एजेंडा” के विरोध में देशभर में बढ़ रहे हैं। इन विरोधों का केंद्र मुख्य रूप से इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) कार्यालयों और अन्य संघीय इमारतों के आसपास रहा है।
आलोचना और चिंता के स्वर
कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं ने ट्रंप प्रशासन पर आरोप लगाया है कि यह फैसला शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को दबाने और आवाज उठाने वालों को निशाना बनाने के लिए किया गया है। ब्रेनन सेंटर फॉर जस्टिस से जुड़े पूर्व खुफिया वकील स्पेंसर रेनॉल्ड्स ने कहा इन नए नियमों का इस्तेमाल शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को रोकने के लिए किया जा सकता है, भले ही वे संघीय इमारतों के पास न हों। उन्होंने यह भी जोड़ा कि 9/11 के बाद FPS का दायरा तेजी से बढ़ा है, जिससे एजेंसी पर राजनीतिक दबाव में ‘अधिकारों के अति प्रयोग’ के आरोप लगते रहे हैं।
सरकार का तर्क
होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने एक बयान में कहा कि यह कदम संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। विभाग की असिस्टेंट सेक्रेटरी ट्रिशिया मैकलॉघलिन ने कहा हमारी एजेंसियां हिंसा और अव्यवस्था की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए हर संभव साधन का उपयोग कर रही हैं। सरकार ने डलास स्थित ICE सुविधा पर हुई गोलीबारी की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि इन नए नियमों की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी।
क्या बदल गया है?
नए नियमों के तहत एफपीएस अधिकारियों को संघीय संपत्ति के पास या बाहर भी गिरफ्तारी और आरोप तय करने का अधिकार मिल गया है। साथ ही ड्रोन के अवैध उपयोग, सरकारी डिजिटल नेटवर्क से छेड़छाड़ और संपत्ति तक पहुंच रोकने जैसे मामलों में भी अब सख्त कार्रवाई हो सकेगी। पहले ये नियम केवल उन संपत्तियों पर लागू थे जो जनरल सर्विस एडमिनिस्ट्रेशन के अधीन थीं, लेकिन अब यह दायरा सभी संघीय संपत्तियों और उनके आस-पास के इलाकों तक बढ़ा दिया गया है।





