कुछ हफ्ते बाद चेतन भगत ने मुझे दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में चाय पर बुलाया और मुझे लगता है कि ये दो लेखकों को मिलने के लिए खराब जगह नहीं है ।चाय पीने के बाद चेतन ने मुझे उनके रूम चलने के लिए कहा जहां वो मुझे अपनी नॉवेल की साइन्ड कॉपी देने वाले थे । जैसे ही मैं उनके रूम में गई, चेतन ने मेरे लिप्स पर किस करने की कोशिश की ।
‘मैं दूर हट गई और उनसे पूछा कि वो ये क्या करने की कोशिश कर रहे थे । इस पर चेतन ने बिना किसी हिचकिचाहट और अधिकार भाव से कहा कि उन्होंने मेरी किताब की 100 कॉपियां खरीद ली हैं और पुणे की एक लाइब्रेरी को दान कर दी हैं । इसलिए वो अब हक से किस ले सकते हैं ।’
मैं अंदर से हिल चुकी थी । ये एक शादीशुदा इंसान की हरकत थी जिसके बच्चे भी हैं और जिनसे मैं लिटरेचर फेस्ट के दौरान मिल चुकी थी । चेतन भगत का ये चौंकाना वाला व्यवहार था । कुछ वक्त बाद चेतन का और खराब रूप सामने तब आया जब वो मेरी एक दोस्त के साथ विदेश में एक इवेंट में थे । चलती बस में चेतन ने उसे दबा लिया और गलत तरीके से छूने की कोशिश की ।’
‘जब मुझे पता चला तो मैंने चेतन से पूछा जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि तुम्हारी दोस्त की रेप्युटेशन खराब है और वो मुझसे मिलना चाहती थी, मैं नहीं मिलना चाहता था ।’ अब खुद पर लगे ओरोपों को लेकर चेतन भगत ने सफाई दी है । चेतन भगत ने इरा के एक ईमेल का स्क्रीन शॉ शेयर किया । इसमें मेल में आखिर में इरा ने लिखा है -‘मिस यू किस यू’ ।
इस पर चेतन भगत ने लिखा, ‘तो कौन किसे किस करना चाहता था? इरा त्रिवेदी की तरफ से 2013 में मुझे भेजे गए इस मेल से सब साफ है । खासतौर पर आखिरी लाइन । इससे यह साफ है कि साल 2010 की घटना को लेकर उन्होंने जो आरोप लगाया था वह झूठ था । गलत आरोप लगाकर इस अभियान को खराब न करें ।’
उन्होंने ट्वीट करके कहा, ‘एक व्यक्ति की प्रतिष्ठा उसके लिए सबसे ज्यादा मूल्यवान है जो कि पूरी जिंदगी काम आती है । मुझ पर फर्जी आरोप लगाना शर्मनाक है । यह चीज एक व्यक्ति को कमजोर कर सकती है ।’ इस अभियान को गंदा बताते हुए चेतन ने अनुरोध किया ‘लोग इस आंदोलन पर विश्वास न करें ।’