अटारी-वाघा सीमा सील, बॉर्डर बंद होने से भारत को कितना नुकसान? अफगानिस्तान पर भी असर

पहलगाम आतंकी हमले में 26 बेकसूर लोगों की जान गई है। इस घटना से देशभर में उबाल है। लोगों की जुबान में बस एक ही बात है कि जिन आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया उनका जल्द से जल्द खात्मा किया जाए। आतंकियों ने क्रूरता से कश्मीर की सुंदर घाटियों को निहारने आए निहत्थे लोगों को मारा है। कई सुहागिनों की मांग सुनी हो गई। किसी ने बेटा खोया, किसी ने पति तो किसी ने अपना भाई हमेशा के लिए खो दिया। देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला किया है। इससे पहले कश्मीर में पर्यटकों पर कभी हमला नहीं हुआ था। इस घटना से पूरा देश हिल गया है।

वहीं अब इस वीभत्स घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में जो दरार पहले से थी वो और बढ़ गई है। क्योंकि भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। यहां तक कि भारत में रह रहे पाकिस्तान को लोगों को देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया गया है। अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया गया है।

पहलगाम की आतंकी घटना के बाद भारत सरकार ने जहां बॉर्डर पर होनी वाली रिट्रीट सेरेमनी बंद करने के आदेश दिए हैं, वहीं बॉर्डर को भी पूरी तरह बंद करने के आदेश दिए हैं। वीरवार से अब भारत और अफगानिस्तान के साथ होने वाला व्यापार भी प्रभावित हुआ। भारत ने पहले ही अटारी-वाघा बॉर्डर के माध्यम से पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद किया हुआ है।

आयात-निर्यात एसोसिएशन के नेता व व्यापारी अनिल मेहरा ने कहा कि अफगानिस्तान के साथ ड्राईफ्रूट, प्याज और फलों का ही व्यापार होता है। अब तक सरकार की ओर से कोई स्पष्ट नोटिफिकेशन एसोसिएशन को नहीं मिला है। आजकल करीब 30 से 35 ट्रकों का करीब 689 करोड़ रुपये का ही व्यापार होता है, जो सरकार के आदेशों के चलते बंद हो जाएगा। अगर बॉर्डर को बंद करने का सरकार फैसला ले लेती है तो अब यह व्यापार समुद्र रास्ते से ही संभव हो पाएगा।

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