अजीत पवार के ‘फंड’ वाले बयान पर गरमाई सियासत, सुप्रिया सुले EC से की कार्रवाई की मांग 

राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के विकास कार्यों के फंड को मतदाताओं के समर्थन से जोड़ने वाले बयान को गंभीर बताया है। उन्होंने निर्वाचन आयोग से इस मामले पर ध्यान देने की अपील की है। अजीत पवार ने बारामती में कहा था कि यदि मतदाता उनके उम्मीदवारों को जिताते हैं तो फंड की कमी नहीं होगी, अन्यथा वे भी उन्हें रिजेक्ट कर देंगे।

राकांपा (शरद चंद्र पवार) की नेता एवं लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले ने रविवार को कहा कि विकास कार्यों के ‘फंड’ को मतदाताओं के समर्थन से जोड़ने वाला महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार का बयान बेहद गंभीर है।

निर्वाचन आयोग को ऐसे बयानों पर नजर रखनी चाहिए। उनकी पार्टी के प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि निर्वाचन आयोग को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

‘अजीत पवार को मांगनी चाहिए माफी’

अजीत पवार को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। पुणे जिले की बारामती में शुक्रवार को नगर पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान राकांपा नेता अजीत पवार ने मतदाताओं से कहा था कि यदि वह उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को जिताते हैं तो शहर में ‘फंड’ की कोई कमी नहीं होगी, लेकिन यदि मतदाता उनके उम्मीदवारों को ‘रिजेक्ट’ करते हैं तो वे भी उन्हें ‘रिजेक्ट’ कर देंगे।

अजीत पवार ने क्या कहा था?

भाजपा-राकांपा-शिवसेना वाली महायुति सरकार में वित्त विभाग संभाल रहे पवार ने कहा था कि यदि आप राकांपा के सभी 18 उम्मीदवारों को जिताएंगे तो मैं भरोसा दिलाता हूं कि फंड की कोई कमी नहीं होगी। लेकिन यदि आप रिजेक्ट करेंगे तो मैं भी आपको रिजेक्ट कर दूंगा। आपके पास वोट हैं, और मेरे पास फंड।

सुले ने कहा कि एक मजबूत लोकतंत्र में इस तरह के बयानों पर नजर रखना निर्वाचन आयोग की नैतिक जिम्मेदारी है, लेकिन आजकल ऐसा होता दिखाई नहीं देता। मैंने स्वयं निर्वाचन आयोग में एक मामला लड़ा था, लेकिन सभी कागजात होने के बावजूद हमें न्याय नहीं मिला।

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