अगर ना होता ये, तो इस वक्त राम रहीम के साथ इस फिल्म की शूटिंग कर रही होती हनीप्रीत
राम रहीम को सजा मिलने के बाद हनीप्रीत पहली बार टीवी पर सामने आई है. Aajtak के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में उसने तमाम आरोपों को खारिज किया. उसने उन आरोपों को घृणित बताया जिसमें राम रहीम के साथ अवैध संबंधों तक की बात कही गई. हनीप्रीत ने यह भी बताया कि वह फिल्मों में नहीं आना चाहती थी. बताते चलें कि साध्वियों से रेप के मामले में अगर राम रहीम जेल में नहीं होता तो इस वक्त वह, हनीप्रीत के साथ नेताजी सुभाषचंद्र बोस पर फिल्म बना रहा होता. पिछले महीने सीबीआई कोर्ट ने साध्वियों से रेप के मामले में राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई थी. उस पर कई और आरोप हैं. सजा सुनाए जाने के बाद हिंसा फैल गई थी. हनीप्रीत भी तभी से गायब थी. एजेंसियां उसकी तलाश कर रही हैं.
राम रहीम, हनीप्रीत के साथ सुभाषचंद्र बोस पर फिल्म बनाने की प्लानिंग कर रहा था. इससे पहले दोनों ने ‘एमएसजी’ के जरिए बॉलीवुड में एंट्री की थी. जानकारी के मुताबिक़ एक महीने बाद नवंबर से वह नेताजी सुभाषचंद्र बोस पर काम शुरू करने वाला था. पहले की तरह इसके लिए भी वह और हनीप्रीत के साथ अभिनय से लेकर निर्देशन तक में हाथ आजमाता. उसकी योजना साल के अंत तक फिल्म को परदे पर ले जाने की थी. हालांकि, जेल जाने के बाद उसका ये प्रोजेक्ट धरा रह गया.
कन्फर्म किया था कि राम रहीम अपनी आगामी फिल्म में खुद को नेताजी के किरदार में प्रस्तुत करने वाला था. इसके लिए उसकी नवंबर में कोलकाता जाकर काम शुरू करने की योजना थी. इसी दौरान उसके एजेंडा में नेताजी के परिजनों से मुलाक़ात के साथ ही नेताजी की लाइफस्टाइल, संघर्ष और व्यक्तित्व को भी समझना था. हमेशा की तरह हनीप्रीत भी राम रहीम के इस प्रोजेक्ट का हिस्सा रहती.
फिल्म के लिए कोलकाता में उसकी मदद कर रहे एक नजदीकी सूत्र ने बताया था, “वह (राम रहीम) नेताजी से बहुत प्रभावित था. फिल्म के जरिए वह नेताजी से जुड़े प्रसंग और मिस्ट्री को अपने तरीके से लोगों के सामने लाना चाहता था. वह फिल्म के लिए टॉलीवुड के लोगों से अंतिम दौर की बातचीत कर रहा था. इसमें फिल्म की स्टारकास्ट भी शामिल थी.” सूत्रों के मुताबिक़ होटल बुकिंग, स्टार कास्ट और लोकेशन जैसे बिंदुओं को सितंबर के अंत तक फाइनल किया जाना था.
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दरअसल, राम रहीम को बॉलीवुड दूर की कौड़ी नजर आया. उसका मकसद इतिहास के रास्ते बंगाली फिल्म उद्योग में आना था. इसके लिए वह नेताजी के जरिए बंगाल और भारत में पहचान बनाना चाहता था. उसने फिल्म के लिए कई बंगाली सितारों का नाम तय कर लिया था. इसमें कुछ अभिनेत्रियां भी शामिल थीं.
सुपर वुमन थी हनीप्रीत
हनीप्रीत, राम रहीम के साथ लगभग सभी फिल्मों का हिस्सा थी. उसकी मानें तो वो राम रहीम के आशीर्वाद से पल भर में हर काम कर लेती थी. स्क्रिप्ट लेखन से अभिनत तक उसके बाएं हाथ का खेल था. जिस काम को करने के लिए फ़िल्मी गीतकार घंटों-महीनों का वक्त लेते थे, हनीप्रीत चुटकियों में कर देती थी. एक वीडियो में उसने दावा किया था, वो महज पांच मिनट में फिल्म के लिए गाना लिख देती है.