फिल्म समीक्षा-दिल्ली के मिडिल क्लास की कहानी- मोह माया मनी

शाहरुख खान के स्टारडम के सहारे इस हफ्ते सिनेमा घरों मे आयी बिग बजट वाली आलिया भट्ट और गौरी शिंदे की ‘डियर जिंदगी’ के सामने रणबीर शौरी और नेहा धूपिया की लो बजट फिल्म ‘मोह माया मनी’ बॉक्स ऑफिस पर जमकर डटी हुई है। प्रख्यात फिल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज ने ‘मोह माया मनी’ को थ्री स्टार दिये हैं तो ‘डियर जिंदगी’ को बाकी क्रिटिक्स महज 3.5 स्टार ही दिये हैं।फिल्म समीक्षा-दिल्ली के मिडिल क्लास की कहानी- मोह माया मनीदरअसल मुनीष भारद्वाज ने दिल्ली के मिडिल क्लास की महत्वाकांक्षा और उससे पैदा होने वाली दिक्कतों को फिल्म के किरदार में बखूबी उतारा है। कहना गलत न होगा कि किसी भी सफल फिल्म के पीछे जितना दायित्व फिल्म के मेन लीड यानी हीरो पर होता है उससे बडा़ दायित्व विलेन का होता है। अमिताभ बच्चन की अधिकांश फिल्म इसलिए सुपर हिट रहीं क्यों कि उनमें सुपर हिट विलेन का किरदार होता था।

मीडिया क्रिटिक्स का कहना है कि अगर प्राण, अमज़द ख़ान, रंजीत खलनायकों की भूमिका में न होते तो जंजीर, शोले, कसमे-वादे जैसी तमाम फिल्में इतनी सफल न होतीं। मीडिया क्रिटिक्स का मानना है कि ‘मोह माया मनी’ में भी विलेन के किरदार ने फिल्म को दिल्ली के एक आम मिडिल क्लास की जिंदगी से जोड़ दिया है। ‘मोह माया मनी’ में विलेन का किरदार दिल्ली के मौजपुर से निकले स्ट्रगलिंग एक्टर देवेंद्र चौहान ने बखूबी निभाया है। यूं तो देवेंद्र चौहान ने कनू बहल की ‘तितली’ जैसी बॉलीवुड की कई फिल्मों में अपने किरदार की बेहतरीन छाप छोड़ी है। ऐपिक चैनल के स्पेशल एपिसोड ‘द ग्रेट एस्केप’ और कलर चैनल पर प्रसारित हुए ‘शैतान’ को जिसने भी देखा वो देवेंद्र चौहान को कभी भूल नहीं सकता। लेकिन 35एमएस की सिल्वर स्क्रीन पर ‘मोह माया मनी’ में देवेंद्र चौहान को अपनी प्रतिभा दिखाने का सबसे ज्यादा और अच्छा मौका मिला। निसन्देह देवेंद्र चौहान ने इस मौके को अपनी एक्टिंग से खूब अच्छी तरह से भुनाया भी है।

सहयोगी कलाकारों में विदुषी मेहरा, अश्वत्थ भट्ट, और अनंत राणा का अभिनय उल्लेखनीय है। रणवीर शौरी, इस मिजाज के किरदार पहले भी निभा चुके हैं। इस बार थोड़ा अलग आयाम और विस्तार है। उन्होंने किरदार की निराशा और ललक को अच्छी तरह व्यक्त किया है। कुछ नाटकीय दृश्यों में उनकी सहजता प्रभावित करती है। नेहा धूपिया ने दिव्या के किरदार को समझा और आत्मसात किया है। नेहा, फिल्म के क्लाइमेक्स में पश्चाताप में आधुनिक औरत की टूटन और विवशता को अच्छी तरह जाहिर करती हैं। ‘मोह माया मनी’ चुस्त फिल्म है। घटनाक्रम तेजी से घटते हैं और गति बनी रहती है। यही कारण है कि अच्छे किरदारों के कारण ‘मोह माया मनी’ बॉक्स ऑफिस पर अपेक्षा के मुताबिक ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर रही है।

 
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