डेबिट कार्ड से लेन-देन फायदेमंद, जानिए नए नियम

 रिजर्व बैंक ने डेबिट कार्ड से लेन-देन पर लगने वाले एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) में व्यापक कटौती का प्रस्ताव किया है। नए नियमों के अमल में आने पर डेबिट कार्ड से लेन-देन पर 0.95 प्रतिशत से अधिक एमडीआर चार्ज नहीं लगेगा। एमडीआर चार्ज मर्चेंट की श्रेणी के आधार पर लगेगा, जिससे डेबिट कार्ड से रेल टिकट खरीदने से लेकर बिजली, पानी और टेलीफोन के बिल जमा करने सहित कई तरह के भुगतान सस्ते हो जाएंगे। नए नियम एक अप्रैल से लागू हो सकते हैं।

डेबिट कार्ड से लेन-देन फायदेमंद, जानिए नए नियम

आरबीआई ने गुरुवार को एमडीआर शुल्क घटाने संबंधी ड्राफ्ट परिपत्र जारी किया। इसमें एमडीआर के लिए मर्चेंट की चार श्रेणियां बनाई गई हैं।

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1. बीस लाख रु. से कम सालाना कारोबार और जीएसटी की सीमा से बाहर वाले लघु व्यापारियों से लेन-देन की राशि पर 0.40 प्रतिशत से अधिक एमडीआर शुल्क नहीं। इस श्रेणी के व्यापारियों के डिजिटल पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) जैसे क्यूआरकोड के माध्यम से ट्रांजैक्शन स्वीकार करने पर एमडीआर शुल्क 0.30 प्रतिशत से अधिक नहीं।

2. विशेष व्यापारियों की एक दूसरी श्रेणी। इस पर पीओएस मशीन के माध्यम से भुगतान लेने पर अधिकतम 0.40 प्रतिशत एमडीआर शुल्क। डिजिटल पीओएस के माध्यम से भुगतान स्वीकारने वाले व्यापारियों पर एमडीआर शुल्क 0.30 प्रतिशत से अधिक नहीं।

3. इसमें 20 लाख रुपए से अधिक के सालाना कारोबार वाले सभी गैर-सरकारी व्यापारी आएंगे, जिनसे डेबिट कार्ड से लेन-देन पर 0.95 प्रतिशत से अधिक एमडीआर शुल्क नहीं वसूला जाएगा। इस श्रेणी के जो व्यापारी डिजिटल पीओएस के माध्यम से भुगतान स्वीकार करेंगे उनको किए गए डेबिट कार्ड से भुगतान पर एमडीआर शुल्क 0.85 प्रतिशत से अधिक नहीं।

4. यह श्रेणी सरकारी संस्थाओं की होगी, जिनके लिए आरबीआई ने एक हजार रुपए तक के भुगतान पर पांच रुपए, 1001 से 2000 रुपए तक के भुगतान पर 10 रुपए और 2001 से अधिक के भुगतान पर एमडीआर शुल्क 0.50 प्रतिशत वसूलने का प्रस्ताव किया है।

 

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