जीवन की उखड़ती सांसों को जीवन देने रेलवे की दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस भी आखिरकार बोकारो से हुई रवाना

जीवन की उखड़ती सांसों को जीवन देने रेलवे की दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस भी आखिरकार बोकारो से रवाना हो गई।।इस बार यह ऑक्सीजन एक्सप्रेस अपने साथ 15 हजार लीटर की क्षमता वाले चार ऑक्सीजन टैंकर लेकर आ रही है। बोकारो से लखनऊ तक 735 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। यह ऑक्सीजन एक्सप्रेस गया और वाराणसी होते हुए सुलतानपुर के रास्ते सोमवार सुबह 5:30 बजे लखनऊ पहुंचेगी। अब तक राज्य सरकार से एक टैंकर के वाराणसी हटाने के लिए रेलवे को कोई निर्देश नही मिला है। माना जा रहा है कि इससे ऑक्सीजन एक्सप्रेस सीधे सभी टैंकरों के साथ लखनऊ आएगी। जबकि लखनऊ से शनिवार रात 10:40 बजे चार ऑक्सीजन टैंकरों के साथ रवाना हुई तीसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस भी रविवार शाम तक बोकारो पहुंच जाएगी।

देश की दूसरी और यूपी की पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस बोकारो स्थित स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के प्लांट से तीन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंकरों को लेकर शुक्रवार दोपहर 1:30 बजे बोकारो से चली थी। वाराणसी में एक टैंकर को हटाकर ऑक्सीजन एक्सप्रेस लखनऊ को चल पड़ी थी। शनिवार सुबह 6:30 बजे ऑक्सीजन एक्सप्रेस दो टैंकरों के साथ लखनऊ पहुंच गई थी।।इस बीच रेलवे ने दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस बोकारो भेजने की तैयारी पूरी कर ली। डीआरएम संजय त्रिपाठी और एडीआरएम आपरेशन सहित कई अधिकारियों ने रात भर मिलिट्री स्पेशल लो फ्लोर रैक पर चार टैंकरों की लोडिंग करवाकर इसे शनिवार सुबह 5:30 बजे रवाना कर दिया था। शनिवार रात ही 10:40 बजे चार या7र टैंकर वाली ऑक्सीजन एक्सप्रेस वाया सुलतानपुर बोकारो भेज दिया गया।

डीआरएम ने बताया कि उन्होंने सेना के पंजाब बेस से कई और रैक मंगवाए हैं। जितनी तेजी से कम ऊंचाई वाले ऑक्सीजन टैंकरों की आपूर्ति होगी, उतनी तेजी से हम ऑक्सीजन एक्सप्रेस को बोकारो के साथ अन्य दूसरे स्थानों की ओर भेजने में सफल होंगे। रनिंग स्टाफ को अलर्ट रखा गया है। वही बोकारो के सेल प्लांट में टैंकरों की लाइन लग गई है। इस कारण चार टैंकरों को भरवाकर उनकी लोडिंग में समय अधिक लगा। एडीआरएम आद्रा ने बताया कि  हम यहां एक्शन मोड में हैं।।जैसे ही हमको ऑक्सीजन एक्सप्रेस मिल रही है। हम टैंकरों को अनलोड कर प्लांट भेज रहे हैं। वापस आते ही तुरंत उनकी लोडिंग की जा रही है।

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