ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट : तीन देशों के ही होंगे सेशन

इंदौर. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अब केवल छह दिन बाकी हैं। अगले शनिवार को इसका उद्घाटन ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में है। इस बार जीआईएस में पांच देश पार्टनर कंट्री बनकर आ रहे हैं। पार्टनर कंट्री के टेक्निकल सेशन में तीन को ही मौका मिलेगा, अपनी बात निवेशकों के सामने रखने के लिए। दो देशों का नाम शेड्यूल में ही नहीं है।जीआईएस का जो शेड्यूल जारी किया गया है, उसके अनुसार सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक उद्घाटन सत्र के बाद दोपहर 2 बजे से अलग-अलग तकनीकी सेशन चलेंगे। इसमें पहले दिन पार्टनर कंट्री के रूप में यूएई और जापान को मौका मिलेगा। दूसरे दिन लंच के पहले ही समिट का समापन हो जाएगा। इसलिए सुबह के सत्र में 10 बजे से तकनीकी सेशन होंगे। इसमें दक्षिण कोरिया को ही भाग लेने का मौका मिला है। शेष दोनों पार्टनर कंट्री सिंगापुर और यूनाइटेड किंगडम का सेशन नहीं रखा गया है। हालांकि इन पांच देशों के अलावा भी कई अन्य देशों के एंबेसेडर और राजनीतिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। एक सत्र में तीन फोकस सेक्टरसमिट के दोनों दिन प्रदेश के नौ ऐसे फोकस सेक्टर पर सेमिनार रखे गए हैं, जिनमें प्रदेश सरकार निवेश चाहती है। पहले दिन सेमिनार के लिए दो सत्र रखे गए हैं और दूसरे दिन केवल एक। पहले दिन पहले सत्र में टेक्सटाइल, ईएसडीएम और टूरिज्म पर और दूसरे सत्र में ऑटोमोबाइल एंड इंजीनियरिंग, एग्री बिजनेस एंड फूड प्रोसेसिंग और फार्मास्यूटिकल्स पर सेमिनार हैं। दूसरे दिन नवीकरण ऊर्जा, शहरी विकास और प्रदेश की निर्यात नीति पर सेमिनार के साथ मेक इन इंडिया पर  विशेष सेमिनार रखा गया है। ये सारे ही सेशन एक ही समय पर अलग-अलग हॉल में चलेंगे। निवेशक अपनी रुचि के अनुसार सेक्शन सेमिनार में हिस्सा ले सकेंगे। यह भी पढ़ें:ग्लोबल इंवेस्टर समिट : हर महीने इंदौर आ रही 100 करोड़ से ज्यादा की निवेश योजनाइन्वेस्टर्स समिट के बाद होगी बोर्ड बैठकपहले संचालक मंडल का कार्यकाल खत्म होने के कारण आईडीए बोर्ड बैठक टली और अब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के कारण बोर्ड बैठक टलती जा रही है। नगर निगम और आईडीए दोनों को ही तैयारियों के लिए कई कामों का जिम्मा मिला हुआ है, इसके चलते बैठक का समय नहीं निकल पा रहा है। संचालक मंडल की विदाई के साथ चेयरमैन के रूप में शंकर लालवानी की वापसी हुई, लेकिन संचालक मंडल का गठन नहीं हुआ। माना जा रहा था कि दूसरी पारी संभालते ही बोर्ड बैठक ले लेंगे, लेकिन इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों के चलते न तो कलेक्टर समय दे पाए और ना ही निगम कमिश्नर। वे खुद भी समय नहीं निकाल पाए। चूंकि राजनीतिक संचालक मंडल है नहीं इसलिए शासकीय सदस्य ही मुख्य रूप से बैठक का हिस्सा होंगे। अगले शनिवार तक तो पूरी तरह इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों में ही सारे स्थानीय निकाय जुटे रहेंगे। ऐसे में समिट के बाद ही बैठक होना संभव लग रहा है। यह भी पढ़ें: मैदान में उतरे खिलाड़ी, फैंस के उत्साह ने कुछ यूं बढ़ाया हौसलाहालांकि बैठक में मुख्य रूप से सयाजी होटल का मुद्दा रखने की चर्चा है, लेकिन असल में पिछली बैठक के कई महत्वपूर्ण निर्णयों की पुष्टि करवाना है, जिसके कारण कई काम अटके हैं। गैरयोजना मद के कामों को लेकर भी फैसला लिया जाना है। इसके अलावा योजना 171 में बिल्डरों की जमीनें मुक्त करने को लेकर लिए गए फैसले की पुष्टि भी करवाना है, जिसके खिलाफ पिछला संचालक मंडल लिखित में आपत्ति दे गया है।

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