सूर्यग्रहण लगते ही इस बच्चे को जमीन में गाड़ दिया, कारण जानकर रह जाएंगे दंग
नई दिल्ली। भारत में गुरुवार को साल का आखिरी सूर्यग्रहण लगा। सुबह करीब 8 बजे शुरू हुए इस ग्रहण का असर दोपहर डेढ़ बजे तक रहेगा। ऐसे में देश के अलग-अलग हिस्सों में पूजा का कार्यक्रम जारी है। साथ ही लोग ग्रहण वाले सूरज को देखने के लिए भी काफी उत्साहित हैं। लेकिन इसके चलते कुछ दुर्भागयपूर्ण मान्यताएं भी सामने आ रही हैं। कर्नाटक में ग्रहण को लेकर कुछ लोगों ने अंधविश्वास की हद पार कर दी और अपने बच्चों को जमीन में गाड़ दिया।
जी हां! अंधविशावस के चलते कर्नाटक के गुलबर्गा में कुछ लोगों ने जिंदा बच्चों को जमीन में गाड़ दिया। बच्चों का सिर्फ सिर बाहर था बाकी पूरा शरीर जमीन में गड़ा हुआ था। लोगों का मानना है कि ग्रहण के दौरान दिव्यांग बच्चों को जमीन में गर्दन तक गाड़ने से वे दिव्यांगता से बाहर आ जाते हैं।
बच्चों की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। तस्वीर में देखा जा सकता है कि सभी बच्चों के पूरे शरीर को जमीन में मिट्टी के अंदर गाड़ दिया गया है। उनका सिर्फ चेहरा दिख रहा है और उनके परिजन उनके आस-पास बैठे हैं।
बता दें तमिलनाडु में विभिन्न स्थानों पर सूर्य ग्रहण देखने को मिला और सैकड़ों लोगों ने यह नजारा देखा। धार्मिक मान्यता के कारण सूर्य ग्रहण के दौरान राज्य में कई मंदिर बंद रहे। चेन्नई, तिरुचिरापल्ली, उदगमंडलम और मदुरै समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण साफ दिखाई दिया। हालांकि कोयंबटूर और इरोड से मिली खबरों के अनुसार वहां बादल छाए होने के कारण ग्रहण अच्छी तरह दिखाई नहीं दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों तथा उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं। इसके बावजूद प्रकृति के प्रति जिज्ञासु लोगों ने ग्रहण देखा। यह इस साल का तीसरा सूर्य ग्रहण था। इससे पहले इस 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था। वैज्ञानिकों ने इसे वलयाकार ग्रहण बताया है, वलयाकार ग्रहण में सूर्य पर पूरी तरह से ग्रहण नहीं लगता है।