मोदी सरकार का 5 करोड़ लोगों को बड़ा तोहफा, सुनकर झूम उठा पूरा देश

केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यकों को लेकर कई योजनाएं बनाई हैं. इसमें अगले 5 साल में अल्पसंख्यक वर्ग के 5 करोड़ छात्रों को प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना का लाभ देने, 25 लाख युवाओं को टेक्निकल ट्रेनिंग देकर रोजगार में सक्षम बनाए जाने की योजना शामिल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पार्टी की प्रचंड जीत के बाद ‘सर्वमत और विश्वास बहाली’ का संदेश दिया था जिसमें समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने की बात कही गई. सरकार ने इस ओर अपना कदम बढ़ा दिया है.

अल्पसंख्यक लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार दृढ़संकल्प है और इसी के तहत राष्ट्रीय स्तर पर ‘पढ़ो-बढ़ो’ अभियान की शुरुआत की जा रही है. मुख्तार अब्बास नकवी मोदी सरकार में दोबारा अल्पसंख्यक मंत्री बनाए गए हैं. नकवी के पदभार ग्रहण करते ही थ्री ई का लक्ष्य तय किया है. ये थ्री ई हैं-एजुकेशन, एंप्लॉयमेंट और एम्पावरमेंट. इस अभियान का लक्ष्य है अल्पसंख्यक लड़कियों को शिक्षा देकर रोजगार दिया जाए ताकि उनका सशक्तिकरण हो सके.

मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ पहली बैठक में स्पष्ट कर दिया कि थ्री ई के माध्यम से ही विकास की गाड़ी को आगे बढ़ाया जा सकता है. अल्पसंख्यक मंत्रालय की कोशिश है कि जिन 5 करोड़ छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाएगी उनमें 50 फीसदी हिस्सा लड़कियों की होगी. गौरतलब है कि गरीब अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिम लड़कियों में पढ़ाई लिखाई का स्तर काफी नीचे है जिस कारण एक खास वर्ग का विकास तेजी से नहीं हो पा रहा है. सरकार ने इस कमी को दूर करने का संकल्प लिया है.

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अल्पसंख्यक मंत्रालय शिक्षा और रोजगार की जानकारी देने के लिए खास माध्यम का सहारा ले रही है. इस काम में 100 से ज्यादा मोबाइल वैन लगाई जाएंगी जो अलग अलग इलाकों में घूम कर लोगों को इस बारे में जागरूक करेंगी. सरकार का ध्यान पंचायतों पर भी है जहां से इस अभियान को तेजी दी जा सकती है. सरकार पंचायतों के माध्यम से अल्पसंख्यकों को छात्रवृत्ति की जानकारी देने के साथ ही उन्हें लाभान्वित करने की तैयारी में है.

मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान चलाया था जो समाज के हर वर्ग को लाभ देने के मकसद से शुरू किया गया. इस अभियान में सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने और लड़कियों को शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ाने का नारा दिया था. इस अभियान को देश में अच्छी पहचान मिली.      

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