बैंक देखते हैं किसान का सिबिल स्कोर, किसानों के लिए क्या अलग हैं क्रेडिट स्कोर के नियम? जानें सब कुछ

होम लोन हो या फिर पर्सनल लोन, आमतौर पर बैंक आपका सिबिल स्कोर देखकर ही लोन देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि फसल लोन (Crop Loan) देते वक्त बैंक किसानों का भी सिबिल स्कोर (Cibil Score) देखते हैं? अगर नहीं, तो चलिए हम बताते हैं। दरअसल, ये एक ऐसा सवाल है, जो किसानों के साथ-साथ आपके मन में भी उठता है। मार्च में शिवसेना सांसद संजय हरिभाऊ जाधव और ओमप्रकाश भूपाल सिंह ने लोकसभा (Loksabha Session) में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या कम सिबिल स्कोर की वजह से किसानों को लोन (Farmer Crop Loan) नहीं दिया जा रहा है? जिसका सरकार ने जवाब भी दिया।

सख्ती से नहीं देखा जाता किसान का सिबिल स्कोर
सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 2014 में जारी सर्कुलर का हवाला देते हुए जवाब दिया और कहा- “बैंकों को लोन देते समय क्रेडिट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (CIR) देखनी होती है।” सरकार ने जवाब में कहा कि अगर किसी किसान ने किसी बैंक से लोन लिया है और उसने समय से नहीं भरा। और वो डिफाल्टर हो जाता है तो बाद में उसे लोन देते समय उसका सिबिल स्कोर चेक किया जाता है। हालांकि, सामान्य तौर पर बैंक फसल लोन देते समय बहुत सख्ती से किसान का सिबिल स्कोर नहीं देखते, खासकर छोटे लोन में।

3 लाख तक के लोन पर फीस ना लेने की सलाह
किसानों की सुविधा के लिए सरकार ने कई जरूरी कदम उठाए हैं। वित्त मंत्रालय ने 4 फरवरी 2019 को बैंकों को सलाह दी थी कि 3 लाख तक के किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) या फसल लोन पर प्रोसेसिंग, डॉक्यूमेंटेशन या इंस्पेक्शन जैसी कोई फीस ना ली जाए।

इसके अलावा, RBI ने 6 दिसंबर 2024 को नोटिफिकेशन जारी कर बिना गारंटी के कृषि लोन की सीमा 1.6 लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर दी। यानी, अब 2 लाख रुपए तक का लोन बिना किसी जमानत के मिल सकता है।

वन-टाइम सेटलमेंट के बाद मिल सकता है लोन
अगर किसान ने पुराना लोन चुका दिया है या फिर वन-टाइम सेटलमेंट किया है तो बैंक की नीतियों के हिसाब से कुछ समय बाद नया लोन भी मिल सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि छोटे और मझोले किसानों को लोन में ज्यादा परेशानी ना हो, इसके लिए बैंक अपनी प्रक्रिया को और आसान कर रहे हैं।

किसान बोले- लोन चुकाने के बाद नए लोन में आई दिक्कत
हालांकि, कुछ किसानों का कहना है कि पुराना लोन चुकाने के बाद भी नए लोन में दिक्कत होती है। इसका कारण बैंक की सख्त नीतियां या पुराने रिकॉर्ड हो सकते हैं। सरकार ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि किसानों को लोन देने में उदारता बरती जाए।

कुल मिलाकर, किसानों के लिए क्रेडिट स्कोर के नियम आम लोन से अलग हैं और छोटे लोन में सिबिल स्कोर की ज्यादा सख्ती नहीं होती। अगर आपको लोन में दिक्कत हो रही है, तो बैंक मैनेजर से बात करें या KCC स्कीम के तहत आवेदन करें।

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