गर्मी से बचना है तो सिर पर रख लो राजस्थानी पगड़ी, हींग लगे न फिटकरी और रंग भी चोखा
गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। शहरों में रहने वाले लोग अपने-अपने तरीके और संसाधनों के द्वारा गर्मी या लू से बचने का प्रयास करते हैं। कोई एसी में बैठकर गर्मी से राहत पाता है तो कोई नींबू पानी पीकर लू के थपेड़ों की मार से खुद को बचाता है। अगर किसी के पास उक्त दोनों विकल्पों में से कोई नहीं है तो वे भी 45-47 डिग्री तापमान में बच सकते हैं। राजस्थानी पगड़ी, जी हां अगर इसे सिर पर रख लेते हैं तो समझो आप 40 फीसदी तक गर्मी या लू से बच गए। वजह, शरीर का कंट्रोल सेंटर सिर है और यह पगड़ी सिर को गर्मी से बचाती है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों की राय है कि व्यक्ति वो चाहे कोई भी हो, अगर वह बाहर निकल रहा है तो उसे राजस्थानी पगड़ी सिर पर रखनी चाहिए।
ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने से गर्मी अब कम नहीं होगी। कहीं गर्म हवाएं चलेंगी तो कहीं साइक्लोन की मार सहनी पड़ेगी। पिछले कुछ सालों का मौसम विश्लेषण देखें तो भारत में मानसून बढ़ नहीं रहा है। बरसात के दिन कम होते जा रहे हैं। जून से सितंबर के बीच बरसात का स्तर घट रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग में वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. रणजीत सिंह का कहना है कि सिर हमारा कंट्रोल सेंटर है। अगर इसे बचा लिया जाए तो समझो बहुत हद तक आप गर्मी से बच जाएंगे। हाथ-पांव का इंतजाम तो हो ही जाता है। सिर को बचाने का सबसे बढ़िया उपाय राजस्थानी पगड़ी है। चूंकि इसमें कई भारी परतें होती हैं, इसके चलते यह सिर को गर्मी या लू से पूरी तरह बचा लेती है।
आजकल युवा पीढ़ी फैंसी टोपी का इस्तेमाल करती है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है। गमछा भी ज्यादा बचाव नहीं कर पाता। राजस्थानी पगड़ी आज के माहौल के मुताबिक, थोडा फैंसी रूप देकर जैसे रंग-बिरंगी बनाना या उसकी परतें कम करना, आदि कर उसे युवा वर्ग अपने सिर पर रख सकता है। ये पगड़ी बांधकर अगर आप बाहर जा रहे हैं तो बीच में केवल पानी भरपूर पीयें, तरबूज या खरबूजा मिल जाए तो और बेहतर है।