काॅलर कैमरा खोलेगा तेंदुए की दुनिया के राज, देश में पहली बार भारतीय वन्यजीव संस्थान ने था लगाया

उत्तराखंड: कॉलर कैमरा हर तीस सेकेंड में एक वीडियो बनाता है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों ने महाराष्ट्र के वन विभाग के सहयोग से पुणे जिले के जंगल में एक तेंदुए के तीन महीने पहले एक कॉलर कैमरा लगाया था।

कॉलर कैमरा तेंदुए की दुनिया के राज खोलेगा। देश में पहली बार भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून ने तेंदुए के कैमरा कॉलर लगाया था, यह कॉलर तीन महीने तक तेंदुए में लगा रहा, इस कैमरे से हर घंटे में तीस सेकेंड का वीडियो बना।

अब इसके माध्यम से वैज्ञानिक तेंदुए के वास स्थल समेत अन्य विषयों की और गहन जानकारी लेने का प्रयास करेंगे। सामान्य तौर पर वन्यजीवों का मूवमेंट पता करने के लिए कैमरा ट्रैप से लेकर रेडियो कॉलर लगाया जाता रहा है। पर भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों ने महाराष्ट्र के वन विभाग के सहयोग से पुणे जिले के जंगल में एक तेंदुए के तीन महीने पहले एक कॉलर कैमरा लगाया था।

भारतीय वन्यजीव संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक बिलाल हबीब कहते हैं कि एक शोध के तहत तेंदुए को ट्रैंक्यूलाइज कर (बेहोश) कर कैमरा कॉलर लगाया गया। यह कैमरा हर तीस सेकेंड में एक वीडियो बनाता है। इस तरह करीब एक हजार वीडियो बनी है, इस कॉलर में ऐसी व्यवस्था की गई थी कि वह बटन दबाने के साथ खुल जाए।

अब यह कॉलर हटा लिया गया है, अब इसके माध्यम से जो वीडियो प्राप्त हुए हैं, उसका विश्लेषण किया जाएगा। इनके माध्यम से तेंदुआ कहां- कहां गया, कहां पर रोड क्रास किया। कहां पर पानी पिया, कहां पर सोता है समेत अन्य जानकारी मिल सकेगी। इस तरह का देश में पहली बार प्रयास हुआ है। संस्थान के निदेशक वीरेंद्र तिवारी कहते हैं कि इस अध्ययन से आगे संरक्षण के काम में मदद मिल सकेगी।

Back to top button