कोसर नमक, समुद्री नमक, टेबल नमक। सबका स्वाद नमकीन है। फिर किचन में इनका इस्तेमाल अलग-अलग क्यों है? व्रत में सेंधा नमक। रोजाना के खाने में आयोडिन युक्त नमक। अचार के लिए पिक्लिंग सॉल्ट।
आजकल तो कई होटल्स तथा रेस्त्रां में सब्जियों के फ्लेवर वाले भी नमक इस्तेमाल होने लगे हैं। नमक की इतनी सारी वैरायटी हैं बाजार में। कन्फ्यूज तो आप भी होंगी और भी कई तरह के नमक हैं, जो अब अलग अंदाज में भोजन का हिस्सा बन रहे हैं, जैसे-
शीघ्र घुलने वाला कोसर सॉल्ट
यह शीघ्र घुलने वाला सॉल्ट है, इसलिए रेस्टोरेंट वगैरह में शेफ इस नमक को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं। खासकर रोस्टेड आइटम्स में। इस नमक को बनाने में किसी भी प्रकार के केमिकल्स का प्रयोग नहीं किया जाता।
यह बड़ी ही आसानी से मुंह में घुल जाता है। इसलिए यह स्वाद में एकदम परफेक्ट टेस्ट देता है। मांस-मछली को पकाते समय भी इसका उपयोग किया जाता है।
खनिज लवण से युक्त समुद्री नमक
तीनों नमक में सबसे ज्यादा अच्छा नमक समुद्री नमक है, जिसके अन्य के मुकाबले सबसे ज्यादा फायदे होते हैं। कहा जाता है कि इसमें पाई जाने वाली क्रिस्टल की मात्रा लोगों को कम नमक लेने के लिए बाध्य करती है। समुद्री नमक को समुद्र या झील के नमकीन पानी को सुखाकर बनाया जाता है।
इससे इसमें कई तरह के खनिज पदार्थ आ जाते हैं। समुद्री नमक बलगम को नष्ट करता है और बीपी को रेगुलेट करता है। अचार के लिए इस्तेमाल पिक्लिंग सॉल्ट भी एक तरह से समुद्री नमक ही होता है, जो अचार के प्राकृतिक रंग को बनाए रखता है। इसलिए इस नमक का प्रयोग मुख्य रूप से अचार बनाने में किया जाता है।
इस नमक का स्वाद पूरी तरह से खारा नमकीन होता है। इसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर रेशेदार खाने जैसे सलाद और सब्जियों को उबालने या फिश आदि को उबालने में किया जाता है।
यह समुद्री नमक का ही एक प्रकार है, जो अलग-अलग ब्रांड के अनुसार छोटे-छोटे टुकड़ों के आकार में आता है। इसका प्रयोग सूप, कुकीज, पॉपकॉर्न, पास्ता आदि में भी किया जाता है। आइसक्रीम बनाने के लिए इसी नमक का प्रयोग किया जाता है। यह नमक आइसक्रीम की शेप को बनाए रखने में मदद करता है।
अगर स्वाद की बात करें, तो हिमालयन नमक बेहतर होता है, क्योंकि इसमें सबसे अधिक खनिज होते हैं। इसके अलावा यह सौ फीसदी नेचुरल होता है। अन्य नमक की तुलना में इसमें सोडियम भी कम होता है। अपने गुलाबी रंग के लिए पहचाने जाने वाले हिमालयन नमक को भोजन पकाने के लिए सबसे शुद्ध माना जाता है।
ज्यादातर मामलों में हिमालयन नमक को भोजन में छिड़का जाता है और कई बार भोजन पकाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। सीफूड, सब्जियों आदि के लिए यह बेहतर है। मिनरलयुक्त होने के कारण हाइपरटेंशन व ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित लोगों के लिए हिमालयन नमक बेहतर है।
अतिरिक्त स्वाद के लिए अक्सर हम भोजन में टेबल सॉल्ट का इस्तेमाल करते हैं। यह नमक छोटा होता है, जो खाने में आसानी से मिल जाता है। इसमें प्रोसेस्ड के दौरान आयोडीन जोड़ा जाता है।
इसलिए इसे अधिक मात्रा में खाने से ये न केवल इंट्रासेलुलर पानी को खींचता है, बल्कि किडनी पर भी दबाव बनाता है। इसी तरह से काला नमक एनीमिया और घेंघा से पीड़ित लोगों के लिए सबसे अच्छा है, क्योंकि इसमें आयरन और आयोडीन की सही मात्रा होती है।