यमुना एक्सप्रेस-वे पर भीषण हादसे में AIIMS के तीन डॉक्टरों समेत 5 की मौत

हादसों के एक्सप्रेस-वे में तब्दील हो चुके दिल्ली और आगरा के बीच बने यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। रविवार को तड़के एक्सप्रेस-वे पर हुए दो बड़े हादसों ने इसकी सुरक्षा पर फिर से सवालिया निशान लगा दिया है। इन दोनों बड़े हादसों में एम्स के तीन डॉक्टरों समेत पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि दोनों हादसों में तकरीबन 27 लोग घायल हैं।

पहला दर्दनाक हादसा मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुआ, जिसमें थाना सुरीर कोतवाली इलाके में माइल स्टोन 88 के पास एक तेज रफ्तार इनोवा कार कन्टेनर से जा भिड़ी। इस हादसे में एम्स के 3 डॉक्टरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 4 अन्य डॉक्टर गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। घायल डॉक्टरों को इलाज के लिए एम्स लाया गया है।

इन डॉक्टरों की हुई मौत –

1. डॉक्टर हर्षप्रीत

2. डॉक्टर हर्षद

3. डॉक्टर हेमलता

वहीं, दूसरे हादसे में भी यमुना एक्सप्रेस-वे पर तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला। जानकारी के मुताबिक, दनकौर थाना क्षेत्र में एक्सप्रेस-वे से रोडवेज की बस 30 फुट नीचे जा गिरी। इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 23 यात्री घायल हैं। घायलों में 4 बच्चे भी हैं। बस औरैया से नोएडा आ रही थी। दोनों हादसे रविवार तड़के होने की जानकारी मिली है।

चालू होने से जनवरी 2017 तक 548 मौतें –

हादसों के इस एक्‍सप्रेस का एक दर्दनाक सच यह भी है कि जब से यह चालू हुआ है तब से लेकर जनवरी 2017 तक इस पर करीब 4076 हादसे हुए, जिसमें करीब 548 लोगों की मौत हुई है। साल दर साल यहां पर होने वाले हादसों में तेजी देखने को मिली है।

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2015 की तुलना में इस एक्‍सप्रेस वे पर 2016 में हुए हादसों में करीब 30 फीसद की तेजी दर्ज की गई थी। लेकिन यह भी सही है कि इस दौरान हुए हादसों में 2015 की तुलना में लोगों की जान कम गई थी। 2016 में इस एक्‍सप्रेस वे पर करीब 1193 एक्‍सीडेंट की घटनाएं हुईं थीं। इनमें करीब 128 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 2015 में यहां पर 919 हादसे हुए थे जिसमें 143 लोगों की मौत हो गई थी।

165 किमी लंबा है ‘आगरा एक्‍सप्रेस वे’ – 

यमुना एक्‍सप्रेस वे करीब 165 किमी लंबा है। यह देश का सबसे लंबा छह लेन का एक्‍सप्रेस वे है। इसके बनने की शुरुआत दिसंबर 2007 में तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री मायावती ने की थी। 9 अगस्‍त 2012 को यूपी के तत्‍कालीन सीएम अखिलेश यादव ने इसे जनता को बड़ी उम्‍मीदों के साथ सौंपा था। ग्रेटर नोयडा से शुरू होकर यह एक्‍सप्रेस वे आगरा तक जाता है। इसमें कोई शक नहीं कि इस एक्‍सप्रेस वे के बन जाने से आगरा की दूरी बेहद कम हो गई है।

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